प्रस्तावना:
स्वतंत्र दिन क्यु मनाते हे ये हम सबको पता हे. इसे हम स्कुल मी तब से मानते हे. लेकीन क्यु मनाते हे ये तब नाही पता चालता था.
हमारा देश गुलाम किसने बनाया
हमारा देश एक गुलाम देश था. यह हमेशा ब्रिटीश लोगों ने अपना साम्राज्य बसाया. हमारे देश मी व्यापार करणे आये और याही बस गये. हमारा देश को हमेशा सोने कि चिडिया कहा जाता हे, आज भी, हमारे यहा गरम मसाले के पदार्थ कि उत्पत्ती होती थी, साग के पेड, चंदन के पेड, रूई, मिरची, ऐसे बडे बडे उत्पादन हमारे देश मे होते थे, और ब्रिटीश लोग हमारा समान खारीडणे आते थे, और वही दुगणे दाम मे बेचते थे. ऐसे धीरे धीरे उन्होने याह बसना शुरू किया मुगल साम्राज्य को अपने साथ मिलकर हिन्दुओ को षोशण करणे लागे गुलाम बना लिया गया.
उन्होने अपनी सेना मे मुस्लीम, ब्रिटीश, हिंदू को शामिल कर लिया था. लेकीन हिंदू गाय को पवित्र मानते हे ये उन्हे पता था लेकिन तकलीफ देके उन्हे भारत से निकाल दे इसलिये वो रायफल्स पे गाय कि काडतूस लागणे लागे, जो मुह से तोडणी पडती थी. जाब ये बात हिन्हुओन्को पता चाली तो अपने भारतीय युवक मंगल पांडे जो ब्रिटीश सेना मी शामिल थे इस बात के इन्कार किया तो उन्हे भी सजा सुनी गायी. गुलाम बना कर भारतीयोको बोहोत बत्तर सजा दि जाती थी,
सोने कि चिडिया कहा जाता हे
जैसे कि खाणे मी सिमेंट कि रोटी, या फिर हाथ पैर के नाखून निकाल लेना, हमारे देश भक्त इन सबका विरोध करते थे, बडे बडे लोगो ने जैसे के भगात सिंग, राजगुरू, मंगल पांडे, इन्होने अपने देश के लिये अपने जान कि कभी परवा नाही कि, और देश को आझाद करणे के लिये अपनी जान भी दे दि.
लाल लजपत राय, वीर सावरकर, भगात सिंग, नेताजी शुभाष चंद्र बोस, इनोने भी अपनी अपनी सेना बना कर ब्रिटीश राज्य को पारेषण करके राख था.
महात्मा गांधीजी ने भी ब्रिटीश को विरोध किया चाले जाओ के आंदोलन कि शुरुवात उनोने कि, साबणे उनका साथ दिया, पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे लोगो ने अपने देश को स्वातंत्र देणे के लिये बोहोत ताकलीफे झेली हे. ये हमे भुलना नाही चाहिये.
दुसरे महायुद्ध
दुसरे महायुद्ध के बाद ब्रिटीश को लागा कि, याह उनका कूच नी होगा तब उनोने देश छोडणे का फैसला किया हम पर उनोने ३०० साल राज्य किया गुलाम बना के राखा था. आज हम एक आझाद देश के नागरिक हे, जीनोने हमे आझादी दिलाने के लिये जो भी बलिदान दिये हमे उन्हे याद रखना होगा हमेशा. १४ ऑगस्ट कि रात को जब ये पता चला कि अगली सुबह हमारी आजादी कि सुनेहरी सुबह हे, तब जो उन्होणे मेहसूस किया हमे भी वो मेह्सुस करणा चाहिये.
आज हम १५ ऑगस्ट के दिन सार्वजनिक छुट्टी का दिन हे, उस दिन हमारा तिरंगा लेहाराया जाता हे, राष्ट्र गान होता हे, शाहिद जो हुये हे उनकी याद मी मशाल जालायी जाती हे लाल किले पे जश्न मान्य जाता हे,
हमे ये दिवस छुट्टी कि दिन नाही हमारी आझादी का दिन हे तो उसे भी वैसे हि मनाये तो जिन्होने आझादी के लिये अपनी जान दि हे वो भी हम गर्व मेह्सुस करे.
हमरा तिरंगा हमारी शान
१५ ऑगस्ट हमारा आझादी दिवस हे, हमरा तिरंगा हमारी शान हे. जय हिंद.