भूमिका :
हम ब्रह्मांड के सबसे सुंदर ग्रह पर निवास करते हैं | जैसे पृथ्वी, धरा, धरती आदि हैं जिसकी सुंदरता केवल प्रकृति की वजह से है | जिस प्रकार एक बच्चा जन्म लेकर अपनी माँ के गोद या आंचल की साये में पलकर बड़ा होता है |
ठीक उसे प्रकार मानव भी इस पृथ्वी पर प्रकृति की गोद में उसकी आँचल की साये में पलकर बड़ा होता है जिसके कारण प्रकृति भी हमारे लिए माँ के सामान ही है |
अनमोल उपहार प्रकृति है
हमारे आस-पास जो भी हरियाली दिखाई देती है, यह सब प्रकृति की ही देन है | प्रकृति नें हमें सबकुछ दिया है | यदि हम अपनी आँखे खोलकर केवल प्रकृति को ध्यान से देखें तो हम प्रकृति से बहुत कुछ सिख सकते हैं |
भगवान का दिया हुआ मनुष्य के लिए सबसे अनमोल उपहार प्रकृति है | वायु, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, नदियाँ, सरोवर, झरना, जंगल, पहाड़, खनिज आदि और न जाने कितनें प्राकृतिक संसाधन है |
भगवान हमारे सबसे अच्छे साथी हैं
भगवान हमारे सबसे अच्छे साथी हैं जिन्होनें पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए जरुरी संसाधन उपलब्ध कराती है | प्रकृति ने हमें पीने का पानी, शुध्द हवा, भोजन, जमीन, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे सभी चीजों का सुख उपलब्ध करवाती है |
प्रकृति नें सजीव और निर्जीव दो घटकों के बिच की क्रियाओं को समग्र रूप से देखा जाए तो हमारे समक्ष प्रकृति की व्यापक छवि दिखाई देगी |
प्रकृति के शुध्द वातावरण
हमारे आस-पास सब प्रकृति है जो पर्यावरण से घिरी हुई है | हम हर पल इसे देख सकते हैं और इसका लाभ उठाते हैं | ‘प्रकृति’ इतना छोटा शब्द है,जिसके बारे में कभी कोई सोंच भी नहीं सकता की इसमें इतना कुछ समाता है |
जब प्रकृति में संतुलन रहेगा तभी हमारे जीवन में संतुलन रहेगा | हम हमेशा प्राकृतिक बदलाव को देखते हैं सुनते हैं हुए महसूस करते हैं | हमें शुद्ध हवा के लिए रोज सुबह सैर करने जाना चाहिए | प्रकृति की सुबह की सुंदरता का लाभ उठाना चाहिए |
प्रकृति को नुकसान
मानव अपने व्यक्तिगत फायदा के लिए दिन-प्रतिदिन प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है मानव यह भूल रहा है की प्रकृति हमारे लिए सबसे कीमती उपहार है | मानव अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों-पौधों को काटकर प्रकृति के सौंदर्य को कम करता जा रहा है |
महासागर पानी का पानी दूषित कर रहे हैं | प्रकृति ने हमारे लिए इतना सुख उत्पन्न की है | लेकिन फिर भी लोग प्रकृति को नुकसान पहुँचा रहे हैं | जबकि इस बात की जानकरी सभी को होनी चाहिए की प्रकृति है, तभी हम हैं प्रकृति नहीं तो हमभी नहीं रहेंगे |
निष्कर्ष :
हमें प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान न पहुंचते हुए प्रकृति का आनंद लेना चाहिए | और हमें प्राकृतिक परिवेश का ध्यान रखना चाहिए और उसे स्थिर बनाना चाहिए |
हम सभी को प्रकृति को साफ-सुथरा रखकर विनाश से बचाना होगा जिससे हम अपनी प्रकृति का आनंद ले सकें क्योंकि प्रकृति मानव को भगवान के द्वारा दिया गया सबसे खूबसूरत उपहार है |
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