प्रस्तावना :
मोर भारत का राष्ट्रिय पक्षी है | विश्व में कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं लेकिन उनमें से कई पक्षी ऐसे हैं, जो हर किसी को अपने सौंदर्य से आकर्षित करते हैं |
अन्य पक्षियों में मोर सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है | बरसात के मौसम में मोर के पंख फैला के नाचने का दृश्य बहुत ही सुहावना होता है |
मोर के पंख बहुत ही प्यारे और रंग बिरंगे होते हैं, जो फैलते ही अपना मनमोहक और सूंदर आकर प्रस्तुत करते है, मोर बहुत ही शांत और शर्मीला पक्षी होता है |
मोर को पक्षियों का राजा भी कहा जाता है
मोर के सर पे जन्म से ही मुकुट होता है, जो उसे और भी मनमोहक बनता है | मोर बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके आकर्षक रंगीन पंख बहुत ही लंबे होते हैं | मोर के सर पर मुकुट जैसी खूबसूरत कलंगी होती है और इसके गर्दन पर सुंदर सा नीला मखमली रंग होता है |
मुख्य रूप से मोर चार प्रकार के होते हैं
१ – हरी मोर
२ – कांगो मोर
३ – भारतीय मोर तथा
४ – बर्मीज मोर |
मोर की आवाज
तीखी तथा कठोर होती हैं | मोर एक प्रकार से शर्मीला पक्षी होता है,मोर का प्रिय ऋतू बरसात तथा आकाश में घिरे बादलों वाला होता है |
मोर को कार्तिकेय भगवान का वाहन माना जाता है
मोर के पंख घर में रखने से घर में सुख संपत्ति का वास होता है | विद्यार्थी अपने किताबो में मोर के पंख को निशान के तौर पे रखते हैं | २६ जनवरी १९६३ को भारत सरकार ने मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया |
मोर शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार का पक्षी है
मोर के पंख को श्री कृष्ण भगवान् अपने सर पर लगाते हैं | आज मोर की संख्या बहुत तेजी से कम होते जा रहा है | वन्य अधिनियम १९७२ के तहत मोर के शिकार को गैर कानूनी करार किया है | कवी कालिदास ने महाकाव्य ” मेघदूत” में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी ऊँचा करार दिया है |
मोर का रंग
मोर का रंग सामान्यतः नीला होता है, किन्तु यह जामुनी, हरे तथा सफ़ेद रंग में भी पाया जाता है | मोर का वजन ५ से १० किलो तक होता है | मोर की उम्र २५ से ३० वर्ष की होती है |मोर नर होता है तथा मोरनी मादा होती है | मोरनी साल में दो बार ६ से ८ अंडे देती है, परन्तु बहुत ही कम बच्चे ज़िंदा रह पाते हैं |
मोर और मोरनी
मोर नर होता है तथा मोरनी मादा होती है | मोरनी साल में दो बार ६ से ८ अंडे देती है, परन्तु बहुत ही कम बच्चे ज़िंदा रह पाते हैं | क्योंकि मोर के बच्चो को सियार या कुत्ते खा जाते हैं |
निष्कर्ष :
मोर भारत के सभी क्षेत्रों में पाए जाते हैं, मोर नृत्य के समय अपने पंख फैला कर धीमी गति का नृत्य करता है, मोर का नृत्य बहुत ही प्रसिद्द है |
हिंदी में मोर पर निबंध के बारे में किसी अन्य प्रश्न के लिए, आप नीचे अपनी टिप्पणी छोड़ कर हमसे पूछ सकते हैं।