मेरे प्रिय अध्यापक (शिक्षक) पर निबंध हिंदी में – पढ़े यहाँ Essay on Hindi My Favourite Teacher

भूमिका :

सभी अध्यापकों का व्यवहार मेरे प्रति अच्छा होने के बाद भी मुझे हिंदी विषय के अध्यापक सबसे प्रिय लगते हैं | अध्यापक को भगवान से भी बढ़कर उच्च दर्जा दिया गया है, अध्यापक ही अपने छात्र के अंदर सोंचने और समझने की शक्ति प्रदान करता है |

अध्यापक विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं | हमारे सामाजिक और मानसिक स्तर को खूबसूरत बनाने में अध्यापक का महत्वपूर्ण योगदान होता है |

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व 

मेरी कक्षा अध्यापिक ही मेरी प्रिय अध्यापक है | गुरु का स्थान हमारे समाज में प्राचीन काल से ही सर्वोपरि रहा है | गुरु, आचार्य, शिक्षक और अध्यापक यह सभी समानार्थी शब्द हैं |

हम सभी लोगों के प्रारंभिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक  शिक्षक सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | शिक्षक हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की मोड़ देते हैं |

शिक्षक दिवस कब से मनाया जाता है  

भारत में प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है यह राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के शुभ अवसर पर ५  सितंबर १९६२ से ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है |

सर्वपल्ली राधा कृष्णन का शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान रहा है इसलिए उनकी स्मृति एवं कार्य को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है | भारतीय संस्कृति में शिक्षक को ईश्वर का स्थान दिया गया है | शिक्षक दिवस विश्व भर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है |

शिक्षक के गुण 

शिक्षक निर्मल, पवित्र, सदाचार, सत्य, विश्वास, ज्ञान, सुख आदि सभी शब्दों के पर्याय शिक्षक ही हैं | अतः इन्हीं गुणों के बिना मानव का जीवन कड़वे फल की तरह होता है |

शिक्षक के बिना जीवन का कोई आधार नहीं होता है | शिक्षक हमारे जीवन को केवल माली के रूप में पौधों की तरह पोषित ही नहीं करते हैं बल्कि हमें एक अच्छा मनुष्य के रूप में पल्लवित कर, संस्कार रुपी फूल खिलाकर सद्गुणों की महक भी देते हैं |

गुरु ज्ञान का ईश्वर 

गुरु और शिष्य की परंपरा हजारों साल से चली आ रही है | प्रत्येक शिष्य या छात्र के लिए उनके गुरु  ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की तरह होते हैं |

इसी प्रकार हमेशा अपने गुरु का नमन करते रहे, क्योंकि गुरु ईश्वर का दिया हुआ एक ऐसा उपहार हैं जो बिना किसी स्वार्थ के ही ज्ञान प्राप्त कराते हैं |

” गुरुब्रह्ममा गुरुविष्णु :

गुरु देवो महेश्वर :

गुरु साक्षात परम ब्रम्ह :

तस्मै श्री गुरुवे नम : “

शिक्षक दिवस का महत्व 

शिक्षक दिवस अपने गुरु के प्रति स्नेह को उजागर करने का अवसर देता है | शिक्षक दिवस छोटे बालक को जीवन में शिक्षक के महत्व को सिखाने का एक जरिया बनता है |

यह दिवस ऊँचाई पर बैठे उस व्यक्ति को याद दिलाता है की आज वह जहाँ पहुँचा उसका श्रेय वास्तव में किसे जाता है |

निष्कर्ष:

गुरु अपने शिष्य के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव नहीं करते हैं, सभी को समान दृष्टि से देखते हैं | शिक्षक अपने प्रयासों से कमजोर बच्चे को भी समझदार बनाकर उन्हें प्रगति के मार्ग पर ले आते हैं |

Updated: दिसम्बर 10, 2019 — 10:35 पूर्वाह्न

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