भूमिका :
श्रीमती इंदिरा गाँधी भारत की तीसरी और प्रथम एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं | इंदिरा गाँधी वर्ष १९६६ से १९७९ तक लगातार ३ पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमंत्री रही हैं | इंदिरा गाँधी एक ऐसी महिला थी जो भारतीय राजनिति पर छाई रही और विश्व राजनीती के क्षितिज पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गई |
श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म
श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म १९ नवंबर १९१७ को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में नेहरू खानदान में हुआ था | इंदिरा गाँधी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती पुत्री थीं |
माता का नाम कमला नेहरू था और उनके दादा का नाम मोतीलाल नेहरू था बचपन से ही इंदिरा गाँधी पर राजनितिक का काफी प्रभाव पड़ा था |
श्रीमती इंदिरा गाँधी का शिक्षा
श्रीमती इंदिरा गाँधी अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहबाद में पूरा करने के बाद उन्होंने शांतिनिकेतन में रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विद्या भारतीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और वहाँ उन्हें रविंद्रनाथ टैगोर ने उन्हें प्रियदर्शनी की उपाधि दी तभी से इंदिरा गाँधी प्रियदर्शनी के नाम से जानें जानी लगी |
उच्च स्तर की पढाई करने के लिए विदेश चली गई और वहाँ उन्होंने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश ली और पढाई पूरी कर सन १९४१ में भारत वापस लौट आई | इंदिरा गाँधी २१ वर्ष की आयु में ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और सक्रीय राजनीति से जुड़ गई |
श्रीमती इंदिरा गाँधी का विवाह
सन १९४२ में इंदिरा गाँधी का विवाह फिरोज गाँधी से हुआ जो एक पारसी थे | इंदिरा गाँधी के दो पुत्र थे संजय गाँधी और राजीव गाँधी ८ सितंबर १९६० में जब इंदिरा गाँधी अपने पिता के साथ एक विदेश के दौरे पर गई हुई थी तब उनके पति की मृत्यु हो गई |
वानर सेना संगठन
श्रीमती इंदिरा गाँधी बाल्यावस्था में ही राजनीति में अभिरुचि लेने लगी थी | देश की आजादी के लिए अपने समवयस्कों की टोली बनाई थी | जिसे ‘वानर सेना’ का नाम दिया गया था |
प्रियदर्शिनी सन १९३० में कांग्रेस की बैठक में पहली बार भाग ली थी उनके द्वारा तैयार की गई वानर सेना ने कांग्रेस की असहयोग आंदोलन में भारी सहायता की थी |
राजनितिक जीवन
४२ वर्ष की उम्र में इंदिरा गाँधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष बन गई | फिर २७ मई सन १९६४ में पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद इंदिरा गाँधी चुनाव जीतकर सुचना और प्रसारण मंत्री बन गई | ११ जनवरी १९६६ को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की असामयिक मृत्यु के बाद इंदिरा गाँधी भारत की तीसरी और प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं इसके बाद वह १६ वर्ष तक प्रधानमंत्री रहीं |
श्रीमती इंदिरा गाँधी की मृत्यु :
३१ अक्टूबर १९८४ को उन्हें अपने अंगरक्षक के ही गोली का शिकार होना पड़ा और वह देश की एकता और अखंडता के लिए कुर्बान हो गई, इस प्रकार हमारे देश की नहीं बल्कि विश्व की राजनीति का एक उज्जवल सितारा चिरकाल के लिए डूब गया |