GST (जीएसटी बिल) पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay on Hindi in GST Bill

जीएसटी बिल क्या है :

GST –  Goods and Services Tax  वस्तु एवं सेवा कर जिसे राजकीय तौर पर संविधान GST Bill 2014  कहा जाता है | यह एक अप्रत्यक्ष कर है जो व्यापक पैमाने पर संपूर्ण  देश के निर्माता, व्यापारी, वस्तुओं और सेवाओं के उपभोक्ताओं पर लगा है | यह टैक्स अन्य सभी टैक्स को हटा देगा जो की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है |

प्रस्तावना 

GST Bill जीएसटी बिल के लागु होने से कई तरह के टैक्स से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ साथ ही सभी चीजें सस्ती मिलेंगी एक्साइज ड्यूटी सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन टैक्स जैसे कई तरह के टैक्स से छुटकारा मिलेगा | लगभग सभी राज्यों में अधिकतर वस्तुएँ एक ही दाम पर मिलेंगी | यह कर सरकार द्वारा राजस्व जुटाने का तरीका है जिसमें अनिवार्य भुगतान व्यक्ति या संस्था द्वारा किया जाता है |

जीएसटी बिल कब लागू किया गया 

GST Bill लोकसभा में ६ मई २०१५ को और राजयसभा में ३ अगस्त २०१६ को पास हुआ और सरकार द्वारा GST Bill को भारत में १ जुलाई २०१७ लागु किया गया | यह एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे देश की स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है |

जीएसटी किसने लागु किया है 

भारत सरकार ने जीएसटी लागु करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है | १७ साल से लटके वन टैक्स वन नेशन का सपना पूरा करने में मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली का सबसे बड़ा हाथ रहा अरुण जेटली को जीएसटी की शिक्षा असीम दास गुप्ता से मिली थी |

भारत में जीएसटी का महत्व 

जीएसटी भारत में एक आवश्यक अप्रत्यक्ष कर सुधार है, जीएसटी से पहले भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कई अप्रत्यक्ष कर लगाए थे जिसके परिणाम स्वरुप उच्च मात्रा में करों को भी अपने संग्रह के लिए संसाधनों की आवश्यकता होती थी |

केंद्र और राज्य दोनों करों का एकीकरण एक कर प्रणाली के कई कराधान, समय और संसाधन की हानि को पीछे छोड़ देगा इसके आलावा जीएसटी को पुरे भारत को एकीकृत बाजार के रूप में मानता है | इसके परिणाम स्वरुप विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलता है |

जीएसटी लागु होने से कौन-कौन से टैक्स हट जाएंगे 

  • सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी
  • एडिशनल टैक्स (सेवाकर)
  • स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ़ कस्टम (एसएड़ी)
  • एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी)
  • वैट \ सेल्स टैक्स
  • मनोरंजन कर
  • परचेस टैक्स
  • लक्जरी टैक्स
  • लॉटरी टैक्स
  • एंट्री टैक्स और चुंगी वगेरा भी ख़त्म हो जाएगी |

जीएसटी  के प्रकार :

जीएसटी मुख्य रूप से माल और सेवा कर चार प्रकार के होते हैं |

  1. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST)
  2. राज्य माल और सेवा कर (SGST)
  3. एकीकृत माल और सेवा कर (IGST)
  4. केंद्र शासित प्रदेशों के सामान और सेवा कर (UTGST)

निष्कर्ष :

भर के अर्थव्यवस्था में कर सुधारों की कड़ी में VAT, MODVAT के बाद लिया गया महत्वपूर्ण कदम है इसका उद्देश्य जटिल एवं कर के ऊपर कर वाली प्रणाली को सरल बना कर राजस्व को बढ़ाया है जिसे सरकार लोक कल्याण कार्यकर्मों को बढ़ावा देकर शासन के लक्ष्य को प्राप्त कर सके |

Updated: December 10, 2019 — 7:45 am

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