निरक्षरता पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay on Hindi Illiteracy

भूमिका :

हमारे देश में छः करोड़ तीस लाख बच्चे ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जाते हैं | इसकी वजह है भारत जैसे विकासशील देश की आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि है | गाँव में रहने वाले गरीब परिवार की अधिकतर लड़कियों को स्कूल जाना एक सपना है |

यह देखकर दुःख होता है की गाँव में पाँच से सात वर्ष की आयु की लड़कियाँ दस-दस घंटे काम करती हैं | गरीब परिवार में बहुत से ऐसे बच्चे हैं| जो छोटी सी उम्र में ही अपने माता-पिता के कामों में हाथ बंटाने लगते हैं |

निरक्षरता का अर्थ :

निरक्षरता का अर्थ है – अक्षर का ज्ञान न होना, या अनपढ़ होना | एक अनपढ़ व्यक्ति के लिए कोई भी लिखा गया शब्द काला अक्षर भैंस बराबर ही होता है |

ऐसे व्यक्ति को नहीं संख्या की पहचान होती है, और नहीं उसे अपना नाम लिखना आता है |

निरक्षरता किसे कहा जाता है 

जो व्यक्ति अपना नाम तक पढ़-लिख नहीं सकता है, या फिर सामने लिखी हुई सँख्या को भी नहीं पहचान सकता है, ऐसे व्यक्ति को निरक्षर कहा जाता है |

निरक्षर व्यक्ति ना तो संसार को जान सकता है और नहीं अपने साथ होनेवाले किसी लिखित व्यवहार को समझ सकता है |

निरक्षरता के कारण 

निरक्षरता का मूल कारण, गरीबी है क्योंकि गरीबी के कारण ही लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं जिससे बच्चे निरक्षर रह जाते हैं |

या फिर जो अभिभावक अनपढ़ होते हैं वे शिक्षा के महत्व पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं | निरक्षरता देश के विकास में सबसे बड़ा बाधक है | निरक्षरता के कारण बाल विवाह , दहेज़ प्रथा,  धार्मिक कट्टरता,  छुआछूत अदि सामाजिक बुराइया निरक्षरों में सबसे अधिक पायी जाती है |

निक्षरता के दुष्परिणाम 

निरक्षर व्यक्तियों का लोग शोषण करते है, निरक्षर व्यक्ति को घर से लेकर बाहर तक किसी भी जगह उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है |

हमारे देश में निरक्षरता ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक है | निरक्षरता के कारण गाँव के साहूकार और जमींदार उनके अंगूठे लगवाकर गान के लोगों की जमीन उनसे लेते हैं |

निक्षरता को रोकने का उपाय 

सन १९५१ में जनगणना के अनुसार हमारे देश में लगभग १८ प्रतिशत ही जनता साक्षर थी | देश में साक्षरता कम होने के कारण सरकारी स्तर पर निरक्षरता को दूर करने के लिए शिक्षण संस्थाओं का विस्तार किया गया और राष्ट्रिय स्तर पर प्रौढ़ शिक्षा निति घोषित की गई |

ग्रामीण क्षेत्रों अधिक विद्यालय खोले गए तथा प्राथमिक शिक्षा का प्रचार और प्रसार किया गया | केंद्र सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान योजना चलाया बनाया गया जिसके अंतर्गत या निश्चित किया गया की सन २००१ से २०१० तक सभी ५ वर्ष और ८ वर्ष सभी के बच्चे साक्षर हो जाएँगे |

निष्कर्ष :

मनुष्य के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है | शिक्षा से मनुष्य का सर्वांगीण विकास होता है और उसका आर्थिक एवं सामाजिक विकास होता है | सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार देश के ९८% जिलों में यह अभियान चलाया गया है |

Updated: दिसम्बर 10, 2019 — 9:08 पूर्वाह्न

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