भूमिका :
गंगा नदी में होने वाला प्रदुषण पिछले कई भारतीय सरकार और जनता के लिए चिंता का कारण बन गया है |
देवनदी गंगा ने जीवन दायिनी के रूप में भारत को धन धान्य से संपन्न बनाया है | गंगा माता के रूप में गंगा की पावन धारा ने सभी के ह्रदय में मधुरता तथा सरसता का संचार किया है |
गंगा प्रदूषण
पतित पावनी गंगा जल प्रदूषित होने का कारण भारत के प्रमुख नगर गंगा तट और उसके आस-पास बसे हुए हैं | इन नगरों में आबादी का दबाव इतना बढ़ गया है | वहां से मल-मूत्र और गंदे पानी का निकास की कोई सुचारु व्यवस्था न होने के कारण बहाएं छोटे-बड़े गंदे नालों के माध्यम से बहकर गंगा नदी में मिलता है | जिसके परिणाम स्वरूप कभी खराब नहीं होने वाला गंगाजल आज बुरी तरह से दूषित हो गई हैं |
गंगा जल की महिमा
गंगा जल की महिमा अपरम्पार है, वेदों में गंगा जी को कल्याणकारी कहा गया है और गंगा नदी को देवनदी की संज्ञा दी गई है | गंगा जल को पथ्य माना गया है, गंगा जल के नित्य सेवन से अनेक असाध्य बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है | मुग़ल बादशाह अकबर इसका मुरीद था वह गंगा जल से अधिक प्रेम करता था और गंगा जल को अमृत समझता था |
पवित्र गंगा नदी
गंगा नदी जो कभी पवित्र मानी जाती थी आज गंगा नदी के तट पर अनेक महासागर बसा दिए गए हैं | असाधारण धार्मिक साथ भारत में सबसे बड़ी नदी गंगा है | गंगोत्री से अवतरित पावन गंगा आज दिन-प्रतिदिन मैली होती जा रही है आज यह विश्व की छठी सबसे प्रदूषित नदी मानी जाती है | लोगों मोक्ष दिलाने वाली गंगा नदी का जल कारण काला पड़ रहा है |
प्रदूषण का मुख्य कारण है
गंगा नदी के तट पर निवास करने वाले लोगों द्वारा नहाने, कपड़े धोने, सार्वजनिक शौच की तरह उपयोग करने और अनगिनत चमड़े का कारख़ाना, रसायन संयंत्र, कपड़ा मिलों और अस्पतालों का गंदा पानी गंगा के प्रदूषण के स्तर को बढा रहा है |
गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत
गंगा एक्शन प्लान शुरुआत अप्रैल १९८५ में की गई और २० सालों में इस पर १२०० करोड़ रुपये खर्च हुए | गंगा नदी के किनारे जलरीले पानी को साफ करने के लिए प्लांट लगाए गये है |
गंगा की इसी दशा को देखकर मशहूर वकील मैगसेसे पुरस्कार विजेता एमसी मेहता ने कारखानों और शहरों से निकलने वाली गंदगी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की इसके बाद सरकार ने गंगा सफाई का बीड़ा उठाया और गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत की गई |
निष्कर्ष :
ऋषिकेश से लेकर कोलकाता तक गंगा के किनारे परमाणु बिजलीघर से लेकर रासायनिक खाद तक के कारखाने लगे हैं | कानपूर का जाजमऊ इलाका अपने चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्द है | यहां तक आते-आते पानी इतना दूषित हो जाता है की वहां खड़े होकर साँस नहीं लिया जा सकता |