प्रस्तावना :
सी.वी. रमन का पूरा नाम “चंद्रशेखर वेकेंट रमन” है | सी.वी. रमन भारत के महान वैज्ञानिक थे | जिन्हें विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | सी.वी. रमन इन्होनें भौतिकी विज्ञान में अहम भूमिका निभाए है | सी.वी. रमन के खोजों के फलस्वरूप विश्व को अनेक प्राकृतिक रहस्यों की जानकारी प्राप्त हुई |
चंद्रशेखर वेकेंट रमन का जन्म
चंद्रशेखर वेकेंट रमन का जन्म ७ नवंबर १८८८ में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली नामक गाँव में हुआ था | इनके पिता का नाम चन्द्रशेखर अय्यर था जो गणित और भौतिकी विज्ञान के अध्यापक थे |
इनकी माता का नाम पार्वती था जो एक संस्कारी महिला थी | चंद्रशेखर वेकेंट रमन जब ४ साल के थे तब इनका परिवार विशाखापट्टनम में रहने चले गए वहां उनके पिता प्राध्यापक के पद पर नियुक्त थे |
चंद्रशेखर वेकेंट रमन की शिक्षा
चंद्रशेखर वेकेंट रमन की प्रारंभिक शिक्षा विशाखापट्टनम में ही हुई | इसके बाद सन १९०४ में वे उच्च शिक्षा के लिए चेन्नई चले गए | चेन्नई में चंद्रशेखर वेकेंट रमन को प्रेसिडेंसी कॉलेज में बी.ए तथा एम.ए. की डिग्री प्राप्त किये | बी.ए की परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए गोल्ड मेडल प्राप्त किया था |
एम.ए. की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में अत्युच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए थे | सन १९०७ में ही वे भारतीय वित्त विभाग द्वारा आयोजित परीक्षा में प्रथम कलकत्ता में सहायक महा लेखपाल के पद पर नियुक्त हुए | उस समय उनकी उम्र केवल १९ साल की थी इतने कम उम्र में उच्च पद पर नियुक्त होने वाले प्रथम भारतीय थे |
चंद्रशेखर वेकेंट रमन के कार्य
चंद्रशेखर वेकेंट रमन एक ऐसे भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्होनें विज्ञान की दुनिया में भारत को बहुत ख्याति दिलाई | हम सब प्राचीन विज्ञान की उपलब्धियाँ जैसे शून्य और दशमलव प्रणाली की खोज, पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने, तथा आयुर्वेद के सूत्र आदि के बारे में जानकारी है | लेकिन उस समय पूर्ण रुप से प्रयोगात्मक लिहाज से कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है |
चंद्रशेखर वेकेंट रमन ने प्रकाश विवितर्न पर अपना पहला शोध प्रकाशित किया | जिसमें लिखा था प्रकाश जू किसी छेद, कपडे के कोनें से गुजरने से कोनें पर कई रंग की तरंगे सी बन जाती है | उसे ही विवितर्न कहा जाता है | चंद्रशेखर वेकेंट रमन कलकत्ता में अभियुक्त मैनेजर की नौकरी भी किये |
नोबेल पुरस्कार
चंद्रशेखर वेकेंट रमन भारतीय प्रथम वैज्ञानिक थे | जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | उन्होंने विज्ञानं के प्रगति के मार्ग में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था | रमन प्रभाव के लिए उन्हें सन १९२१ में भौतिकी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया | सन १९३० में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया |
चंद्रशेखर वेकेंट रमन की मृत्यु:
चंद्रशेखर वेकेंट रमन का ८२ वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु २१ नवंबर १९७० में बंगलौर में हुआ |