कौआ पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay On Crow In Hindi Language

प्रस्तावना:  

में कौआ. में किसी को पसंद नहीं आता. क्यूंकि मेरा रंग काला हे. और मेरी आवाज भी बेसुरी हे. मुझे अपशकुनी माना जाता हे. मेरे छुने से इंसान को फिरसे नहाना होता हे ऐसी सोच हे.

मेरा रंग काला

मेरा काला रंग हे मगर इस बात से मुझे कोई फरक नहीं पड़ता, क्यूंकि इस धरती पर जो भी भगवन ने बनाया तो कुछ सोच समझ कर ही बनाया होगा। हम उसपे संदेह नहीं कर सकते. में कोनसे भी ऋतु में रह सकता हु.

क्यूंकि मेरा रंग काला हे, और काले रंग पे मौसम का इतना असर नहीं पड़ता. में सबसे श्रेष्ठ खुद को मानता हु. क्यूंकि में सिर्फ भारत देश में ही नहीं तो अमेरिका, फ्रांस, जैसे थंडीले शहरोंमें भी पाया जाता हु.

अंधश्रद्धा या सच

मेरे बारेमे लोग हमेशा कहते हे, की मेरे छूने से इंसान या कोई पशु गन्दा हो जाता हे, और लोग नहाने चले जाते हे. या फिर कभी अपने देखा हे की, किसी चिड़िया को उसकी जाती के सब चोंच मार मार कर अधमरा करके छोड़ देते हे, ये सब किसी इंसान ने देखा तो कहेगा कौए ने छुआ होगा. इसलिए बिचारे को सब लोग मार डालेंगे.

है और एक बात कहु जब कोई मर जाता हे तब में शुभ माना जाता हु. अगर पिंडदान के वक़्त अगर कौए ने अगर पिंड को नहीं छुआ तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेंगी, इस चक्कर में दिन भर उसके सामने दूर जाकर बैठ जाते हे.

जैसे ही में पिंड को छू लेता हु. हाथ जोड़कर भगवन आपकी कृपा हमारा पिंड दान सफल हुआ. करके घर चले जाते हे. शायद ये श्रद्धा हे.

मेरी कहानी

मेरी एक कहानी सबको पता हे जब मुझे प्यास लगी थी, तब एक मटके में पानी था लेकिन इतना निचे था की मेरी चोंच वहा तक नहीं पोहच सकती थी.

इसलिए मैंने अपना दिमाग लगाकर उसमे एक एक पत्थर डालना शुरू किया और पानी ऊपर आने लगा और वो पानी पीकर मैंने अपनी प्यास बुझाई. आप मुझसे यही सिख सकते हो, की हार कभी नहीं माननी चाहिए. कोशिश करते रहे सफल तो जरूर होंगे.

में हमेशा खुश हु. 

में हमेशा खुश रहता हु. किसी के खिड़की पे जाके काव काव करता हु, भूक लगी होती हे तो, कोई अपना पूर्वज समझकर रोटी का टुकड़ा डाल भी देता हे.

कोई पत्थर मार कर तो कोई पानी फेंक कर मुझे भागता हे. लेकिन में फिर से उड़कर वही आ के बैठता हु. सब मुझे गाली भी देते हे. लेकिन में बेशरम के जैसे फिर वहा जाके काव-काव करता रहता हु.

मेरे जैसे बनना मुश्किल हे.

में हमेशा पेड़ के ऊपर के छोर पर बैठ कर सबको देखता रहता हु. सब पे नज़र होती हे मेरी. मुझे एक आँख से नहीं दीखता परन्तु में सब देख सकता हु. मेरा रंग काला हे, जैसे मुझे बनाया हे में खुश हु. मुझे कोई अफ़सोस नहीं होता इस बात का.

में अकेला कभी नहीं रहता मेरे साथ मेरे साथी भी होते हे. मुझे सब बुरा भी बोलते हे, लेकिन मेरी आवाज सुनकर मुझे पानी भी पीला देते हे.

सारांश

कोई कुछ भी करे कोई कुछ भी कहे अपनी जगह सही रहना. रंग से कुछ नहीं होता. दिल साफ होना चाहिए

Updated: मार्च 14, 2020 — 12:02 अपराह्न

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