प्रस्तावना :
चिड़िया एक छोटी सी पक्षी है यह किसी भी स्थानों पर देखने मिलती है | चिड़िया बहुत ही सुंदर और फुर्तीली पक्षी होती है | चिड़िया बहुत ही मुश्किल से मनुष्य के हाथ आती है | यह इंसानों के बिच रहना पसंद करती है |
चिड़िया का घोसला
चिड़िया अपन घोसला मनुष्य के घर की छत, या दरवाजे पर कहीं जगह मिला तो यह अपना घर बना लेती है | किंतु आज बदलते समय के साथ लोग ऊँची इमारते बनाने लगे हैं | जिसके कारण चिड़िया का घर बना पाना मुश्किल हो गया है |
चिड़िया के शरीर के प्रकार
चिड़िया की लंबाई १४ से १६ सेंटीमीटर तक होती है | मादा चिड़िया के सिर और गले का रंग भूरा नहीं होता है |
चिड़िया का झुंड
चिड़िया के नाम
छोटी सी चिड़िया बहुत ही फुर्तीली होती है यह अपने भोजन के लिए कभी-कभी मीलों दूर तय करती है | चिड़िया को अलग-अलग नामों से जाना जाता है | जैसे की चिड़िया, गौरैया, चिमनी, चकली, चेर तो कई लोग इसे नहीं चिड़ी भी बोलते हैं |
चिड़िया के भोजन
चिड़िया दिवस
चिड़िया दिवस हर साल २० मार्च को मनाया जाता है |
चिड़िया की औसतन आयु
चिड़िया की औसतन आयु ४ -७ वर्ष की होती है | मादा चिड़िया के मुकाबले में नर चिडिता ज्यादा आकर्षक होता है | चिड़िया अपने पैरों की सहायता से उड़ान भरते हैं |
नन्ही चिड़िया आसमान में ३४-४० फ़ीट की ऊंचाई पर ही उड़ते हैं | प्रातः काल चिड़िया के चहचानें की अनोखी प्रकृति होती है | आज चिड़िया दिन-प्रतिदिन लुप्त होती जा रही है |
चिड़िया के लुप्त होने का कारण
हमारे वातावरण प्रदुषण के कारण वातावरण संतुलित होने के कारण कभी-कभी तापमान अत्यधिक हो जाता है | चिड़िया की प्रजातिके लुप्त होने का कारण भी यही है | चिड़िया की प्रजाति के कारण प्रकृति बहुत ही सुंदर लगती है |
निष्कर्ष :
यदि इस प्रकार से पक्षियों की प्रजाति लुप्त होती रही तो प्रकृति की सुंदरता भी गायब हो जाएगी | इसलिए हम सभी को अपने वातावरण को प्रदूषित होने से बचाना होगा, जिससे पक्षी हमेंशा सुरक्षित रह सकें |