डॉ. ए .पि. जे अब्दुल कलाम निबंध – पढ़े यहाँ Essay On APJ Abdul Kalam In Hindi

प्रस्तावना 

डॉ. ए .पि. जे अब्दुल कलाम इनका पूरा नाम राष्ट्रपती. अवुल पाकिर जेनुलब्दिन अब्दुल कलाम.

डॉ. कलाम का बचपन

उनका बचपन बोहोत गरीबी में गया हे. विद्यार्थी बच्चोंके बोहोत पसंदीदा व्यक्ति हे. उनका संवाद सुनने जैसा हे. वो एक प्रेरणा दायी व्यक्तिमत्व हे विद्यार्थियोंके लिए.

इनका जन्म तमिलनाडु के एक गांव रामेश्वरम में हुआ. उनके पिता नव चलनेका काम करते थे. उनकी परिस्थिति बोहोत ख़राब थी. उनकी हालत इतनी बेकार थी, के अपने बेटे का पढाई का खर्चा भी नहीं उठा पा रहे थे.

तो उनकी बहन ने अपने जेवर बेचकर उनको पढाई के कॉलेज भेज दिया. बचपन में ही उनके पिताजी का देहांत हुआ, तब उन्होंने अख़बार बेचकर, जो मिले वो काम कर के घर की मदत करते थे.

डॉ. कलाम का सफर

उन्होंने अमेरिका में नासा में अपना प्रशिक्षण लिया था. चार महीने वो वहा प्रशिक्षण ले रहे उन्होंने वहा वैज्ञानिक, एरोनॉटिकल इंजिनिअर प्रशिक्षण लिया. वह से उनके जीवन की शुरुवात हुई.

अकेले काम करने से अच्छा उनका लक्ष्य हमेशा एकत्रित काम करने में होता था.

जीवन की सफलता

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सर ने काम किये उसके लिए उनको अनेक पुरस्कारों से सन्मानित किया हे. आज उनके जाने के बाद भी वो ज़िंदा हे. उनकी दी हुई शिक्षा जागृत हे.

उनको गणित विषय बोहोत पसंद था. उन्होंने भारत में अग्नि करके पहला रॉकेट बनाया था और वो सफल भी हुआ था. जिसके लिए उन्हें पुरस्कार से सन्मानित किया था.

वो बोहोत सवेदनशील और सीधे इंसान थे. उन्होंने कभी शादी नहीं की, लेकिन उन्हें बच्चे बोहोत पसंद थे. वो अपने काम से बोहोत लगाव रखते थे. वो पूर्णता शाकाहारी थे. उन्होंने अग्नि १, अग्नि २ जैसे क्षेपणास्त्र अपने सहयोगियोंके साथ मिलकर सफल किये थे.

भारत सरकारने उन्हें पद्मभूषण, पद्मविभीषण, और भारत रत्न जैसे पुरस्कारों से सन्मानित किया था. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकात्मता पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, जैसे पुरस्काराने के सन्मानित किया गया हे.

राष्ट्रपति पद का सन्मान

२००२ में जब एलेक्शन्स हुए तब १,०७,३६६ मातोंसे उनका विजय हुआ था. और उनको राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त करवाया था. राष्ट्रपति पद मिलने से पहले उनको सर्वोच्च भारतीय नागरिक से सन्मानित किया था.

उनकी शादी नहीं हुई थी लेकिन उनको बच्चो से बोहोत प्यार था और अपने देश के बच्चो के लिए उन्होंने बोहोत से कार्यक्रम आयोजित किये थे.

१५ अक्टूबर को उनका जन्म दिवस होता हे, इसलिए भारत में वो दिन जागतिक विद्यार्थी दिन करके मनाया जाता हे.

उनकी किताबे

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : संपूर्ण जीवन, ट्रान्सेन्डन्स : माय स्पिरिचुअल एक्‍सपिरिअन्सेस विथ प्रमुखस्वामीजी, फॉर सोसायटल ट्रान्सफॉरमेशन, इंडिया – माय-ड्रीम जैसी किताबे उन्होंने लिखी। आज भी लोग वो पढ़ते हे. उनके बताये हुए रस्ते पर बच्चे चलना चाहते हे.

अंतिम दिवस

२७ जुलै २०१५ को, शिलॉन्ग के एक कार्यक्रम में उनकी तबियत अचानक ख़राब हुई, लेकिन थोड़ी देर रहत लेकर वो फिरसे सभा में शामिल हुए. लेकिन फिरसे उनकी तबियत में फरक दिखा और वो गिर पड़े और उनको अस्पताल में दाखिल किया लेकिन शाम तक उनको हार्ट अटैक आया और एक हिरा हम में से चला गया.

सन्दर्भ.

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम एक ऐसा तारा जो दुनिया को अनमोल तोहफे देके गया हे.

Updated: मार्च 14, 2020 — 10:25 पूर्वाह्न

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