प्रस्तावना :
जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर का जन्म राजपूत शासक राणा अमरसाल के महल उमेरकोट, सिंध में १५ अक्टूबर १५४२ (हिजरी के अनुसार रज्जब ९४९ के चौथे दिन) हुआ था | अकबर तैमूरी वंशावली के मुग़ल वंश का तीसरा शासक था |
अकबर को अकबर-ए-आजम, शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है | सम्राट अकबर मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नसीरुद्दीन हुमायु एवं हमीदा बानों का पुत्र था |
अकबर के शासन के अंत तक १६०५ में मुग़ल साम्राज्य में उत्तरी और मध्य भारत के अधिकांश भाग सम्मिलित थे और उस समय सर्वाधिक शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था | बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था | जिसे हिंदू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला |
अकबर हिंदू और मुस्लिम संप्रदायों के बिच की दूरियां को कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना किया | अकबर का दरबार सबके लिए हर समय खुला रहता था | अकबर की दरबार में मुस्लिम सरदारों की अपेक्षा हिंदू सरदार अधिक थे |
अकबर ने हिंदुओं पर लगने वाला जजिया ही नहीं समाप्त किया, बल्कि ऐसे एक कार्य किये जिनके कारण हिंदू और मुस्लिम दोनों उसके प्रशंसक बने |
अकबर मात्र तैरह वर्ष की आयु में अपने पिता नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूं की मृत्यु के बाद दिल्ली की राजगद्दी पर बैठा | अकबर अपने शासन काल में उसने शक्तिशाली वंशज शेरशाह सूरी के आक्रमण बंद करवा दिए |
पानीपत युद्ध :
पानीपत के मैदान में ५ नवंबर, १५५६ ई. को युद्ध हेमू के नेतृत्व में अफगान सेना एवं बैरम खां के नेतृत्व में मुगल सेना के मध्य लड़ा गया | इस समय हेमू की आंख में एक तीर लगा, और हेमू को गिरफ्तार करके बैरम खां उसे मरवा दिया | जब रहीं ५ वर्ष के ही थे तब गुजरात के पाटन नगर में सन १५६१ में पिता बैरम खां की हत्या कर दी गई |
युद्ध में बंदी बनाये गये व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को दास बनाने की परंपरा को तोड़ते हुए अकबर ने दास प्रथा पर १५६२ ई. से पूर्ण रुप से रोक लगा दी | प्रारंभ में अकबर ‘हरम दल’ में था | अकबर के शासन का प्रभाव देश की कला एवं संस्कृति पर भी पड़ा |
अकबर निरक्षर होने के बाद भी उसे कलाकारों एवं बुद्धिजीवियों से विशेष प्रेम था | अकबर के इसी प्रेम के कारण अकबर के दरबार में नौ अति गुणवान दरबारी थे | जिन्हें अकबर के नवरत्न के नाम से भी जाना जाता था |
भारत के इतिहास में कबर के शासनकाल को काफी महत्व दिया गया है | अकबर शासनकाल के दौरान मुगल साम्राज्य तीन गुना बढ़ चूका था | अकबर ने हिंदू राजपूत राजकुमारी से विवाह किया उनकी एक रानी जोधाबाई राजपूत थी | इतिहास में देखा जाए तो हमें जोधा-अकबर की प्रेम कहानी विश्व प्रसिद्द कहानी दिखाई देती है | अकबर की मृत्यु २७ अक्टूबर १६०५ में हुई उन्हें आगरा के सिकंदरा में दफनाया गया था |
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