परिचय:
रमज़ान मुसलमानों के लिए एक पवित्र महीना है. वे पूरे महीने के दौरान प्रार्थना और उपवास करते हैं. रमजान ईद को ईद अल फितर के रूप में भी जाना जाता है जो उपवास की अवधि के अंत में है. यह मुसलमानों के लिए एक धार्मिक अवकाश है और यह देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है.
रमजान ईद क्या है?
यह एक आध्यात्मिक अवधि है जिसमें दान की अतिरिक्त प्रार्थना और कार्य शामिल हैं. यह किसी भी किए गए पापों के लिए पश्चाताप करने और सर्वशक्तिमान के करीब आने का समय है.
लोग सर्वशक्तिमान के लिए भक्ति विकसित करते हैं और क्षमा मांगते हैं. यह आत्मा के लिए शुद्धिकरण और सफाई की तरह है. अमावस्या को देखने से खुशी मिलती है क्योंकि यह पवित्र महीने की शुरुआत का प्रतीक है.
रमजान ईद का महत्व
यह मुस्लिम में सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक का जश्न मनाने का अवसर है. उपवास के पवित्र महीने की लंबी अवधि समाप्त होती है और मुसलमान इस दिन नए कपड़े पहनते हैं|
मुस्लमान लोग कैसे मानते है ईद
रमजान ईद के दिन मस्जिदों में विशेष प्रार्थना होती है. लोग एक दूसरे से गले मिलते है और उनकी कामना करते है. शिर कुर्मा, मालपुआ और फ़िरनी जैसे व्यंजन तैयार किए जाते हैं क्योंकि लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और उन्हें ये पधार्त देते है.
खजूर और सूखे मेवे से बनी मिठाइयाँ खाई और बांटी जाती हैं. यह धन्यवाद और उत्सव का दिन होता है.
मुस्लमान पूरे महीने के दौरान उपवास करते है और सर्वशक्तिमान का आशीर्वाद प्राप्त करते है, इसलिए यह मुसलमानों के लिए जश्न मनाने और आभारी होने का एक कारण होता है. देश के कुछ हिस्सों में रात भर खाने के दुकान खुले रहते हैं.
उपवास
ईद अल फितर जो इस्लामी कैलेंडर में एक लोकप्रिय अवकाश है, व्रत तोड़ने का त्योहार है. व्रत की समाप्ति दावत की शुरुआत का प्रतीक है. कभी-कभी दावत तीन दिनों तक चलती है.
राजनेता या मंत्री अक्सर इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते हैं और दूसरों को आमंत्रित करते हैं. इस दिन लोग खुद आनंद लेते हैं. प्रसन्नता से युक्त भव्य दावतों का आयोजन किया जाता है क्योंकि लोग आनन्दित होना चाहते हैं.
दान इस्लाम का एक महत्वपूर्ण पहलू है और कई मुस्लिम इस अवसर को भाग्यशाली मानते हैं.
निष्कर्ष:
मुस्लिम लोग ईद की नमाज़ मस्जिदों, या फिर घरों में या फिर किसी भी सामुदायिक केंद्रों में पड़ते है. नमाज़ पड़ने के बाद वे सभी बच्चो को या फिर उनके रिश्तेदारों और दोस्तों की उपहार प्रधान करते है. सभी मुस्लिम लोग आजान होने पर नमाज पडते है.