प्रस्तावना
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है, लेकिन प्राचीन काल से ही किसी भी त्योहारों में घर के दरवाजे को रंगोली से सजाना भारत की सांस्कृतिक पारा, परंपरा है | क्योंकि भगवान हमेशा दरवाजे से ही प्रवेश करते हैं | द्वार पर रंगोली इसलिए निकाला जाता है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश कर सके हैं |
रंगोली के नाम 
रंगोली एक प्रकार की अलंकरण कला है, इसे भारत के अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है | जैसे उत्तर प्रदेश में चौक पुरना कहा जाता है, राजस्थान में मांडना कहा जाता है, बिहार में अरिपन कहा जाता है, बंगाल में अल्पना और महाराष्ट्र में रंगोली के नाम से जाना जाता है |
रंगोली क्यों बनाया जाता है 
रंगोली सामान्य रूप से त्यौहार, पूजा, व्रत, विवाह जैसे शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है | इसमें साधारण ज्यामितिक आकार और देवी देवताओं की आकृतियां बन सकती है | रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक कला है |
रंगोली का उद्देश्य
रंगोली धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं की प्रतिक रही है | इसलिए रंगोली को आध्यात्मिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग माना गया है | विभिंन हवनों और यज्ञ में ‘वेदी’ का निर्माण करते समय माँडनें बनाए जाते है | गाँव में घर तथा आंगन को बुहारकर लीपने के बाद रंगोली बनाने का रिवाज आज भी प्रचलित है |
रंगोली की सजावट 
रंगोली का प्रयोजन सजावट सुमंगल है, इसे घर की महिलाएँ बनाती हैं | अलग-अलग अवसरों पर बनाई जाने वाली पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं | रंगोली के प्रयोग में लाए जानें वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ चावल, सिंदूर, रोली, हल्दी, आटा जैसे अन्य प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है |
दिया से बनी रंगोली
दिया से बनी हुई रंगोली रात में बहुत ही सुंदर लगती है और अंधेरे में दियों की चमक से जब आंगन में रोशनी बिखरती है, तब यह पुरे घर में जगमगाने लगती है | क्योंकि किसी भी डिज़ाइन की रंगोली दिए रखने से रंगोली की रौनक और बढ़ जाती है |
रंगोली के प्रतिक 
कमल का फूल और पत्तियाँ, आम, मंगल कलश, मछली ,विभिन्न प्रकार की चिड़ियाँ, तोता, हंस, मोर, मानव आकृति और बेलबूटा जो संपूर्ण भारत की रंगोलियों में पाया जाता हैं | विशेष अवसरों पर बनाई जाने वाली रंगोलियों में जैसे दीपावली की रंगोली में दीप, गणेश चतुर्थी में गणेश और लक्ष्मी की विशेष आकृतियाँ जुड़ जाती हैं |
रंगोली के प्रयोग आने वाली सामग्री है, प्रयुक्त होती है, जो आसानी से किसी भी स्थानों पर मिलती है जिसके कारण रंगोली की यह कला अमीर और गरीब सभी के घरों में बनाई जाती है |
निष्कर्ष
रंगोली एक मुक्तहस्त और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है | सफ़ेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकर में निश्चित बिंदु बनाया जाता है | उन बिंदुओं को मिलाते हुए सुन्दर आकृति का आकार केता है फिर आकृति में मनचाहा रंग भरा जाता है | पारंपरिक मांडना बनाने में गेरू और सफ़ेद कड़ी का उपयोग किया जाता है |
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