प्रस्तावना
अहिंसा जिसका शब्दिक अर्थ है – हिंसा यह शब्द सुनने में बहुत आसान होगा | लेकिन जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए इसका पालन करना अत्यंत ही कठिन है | एक ऐसा रास्ता है, जिसमें कदम कभी नहीं डगमगाते क्योंकि “सत्य और अहिंसा” में बहुत बल है |
इसे ही कहा जाता है काम न होने पर उंगली टेढ़ी करना अर्थात अहिंसा में ही वो शक्ति है जो किसी भी कार्य को करने में तत्पर है | हिंसात्मक मनोवृत्ति से व्यक्ति को जीत तो हांसिल हो जाती है | लेकिन आत्मीय शांति कभी नहीं मिलती जबकि सही जीवन यापन करने के लिए आत्मीय शांति जरुरी होता है |
अहिंसा क्या है 
अहिंसा ही एक ऐसा घात, है जो बिना रक्त बहाए ही गहरी चोट देती है | महात्मा गाँधी सत्य अहिंसा के रास्ते पर चलकर कई तरह के आंदोलन छेड़े और अपने देश को गुलामी से आज़ाद करवाया वे किसी भी तरह के हिंसा का सहर नहीं लिया था | हिंसा यानि की किसी को शारीरिक या मानसिक रूप से दुःख पहुँचाना, जैसे कठोर वाणी बोलकर किसी को तकलीफ नहीं देना फिर भी अहिंसा का इससे गहरा अर्थ है |
अहिंसा का अर्थ क्या है 
अहिंसा का सामान्य अर्थ है ‘हिंसा’ नहीं करना चाहिए तथा इसका व्यापक अर्थ है – किसी भी जीव-जंतु या मनुष्य के साथ तन, मन, कर्म, वचन या हिंसा जैसी प्रवृत्ति अपनाते हैं तो जरूर कहीं ना कहीं उसे बहुत ही बुरा लगता है | लेकिन कोई भी किसी जीव के साथ जब ऐसा करता है तो उसका बदला भी उसे जरूर मिलता है, क्योंकि यही दुनियाँ का नियम है |
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