प्रस्तावना :
गेट वे ऑफ इंडिया भारत का ऐतिहासिक स्मारक है | यह स्मारक भारत के प्रमुख नगर मुंबई के कोलाबा में समुद्र के किनारे तथा ताज महल के सामने स्थित है | गेट वे ऑफ इंडिया यह वास्तुशिल्प का चमत्कार है | भारत सरकार द्वारा इसका निर्माण सन 1920 में किया गया था | यह स्मारक साउथ मुंबई के अपोलो क्षेत्र में अरब सागर के बंदरगाह पर स्थित है |
गेट वे ऑफ इंडिया का निर्माण 
इसका निर्माण 2 दिसंबर 1911 मेंकिंग जार्ज और रानी मैरी नें करवाया था | गेट वे ऑफ इंडिया की तैयारी का रूपरेखा जार्ज विटेटनें की थी | यह स्मारक 26 मीटर ऊँचा है, और इसमें 4 मीनार हैं | 1915 और सन 1919 के बिच अपोलो पोर्ट पर काम शुरू किया गया | जहाँ पर गेट वे ऑफ इंडिया और नए समुद्री दिवार का निर्माण किया गया |
गेट वे ऑफ इंडिया का काम सन 1920 में पूरा किया गया था | और इसका निर्माण सन 1924 में समाप्त किया गया था | गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और कंक्रीट से बनाया गया है | यह ब्रिटिश राज के दौरान निर्माण कराया गया था | गेट वे ऑफ इंडिया के द्वार की ऊँचाई 85 फीट है |
इतिहास
वास्तुकला के हिंदू और मुस्लिम दोनों जाति को ध्यान में रखते हुए, गेट वे ऑफ इंडियाका निर्माण करने के लिए ब्रिटिश सरकार के आदेश पर किया गया था | इंग्लैंड के राजा जार्ज और उनकी पत्नी रानी मैरी भारत में दिल्ली दरबार के भ्रमण पर जाने वाले थे, लेकीन उसे पहले उन्हें मुंबई बंदरगाह उतरना था | इसलिए गेट वे ऑफ इंडिया बनाने का आदेश जार्ज विकेट नें दिया था |
क्योंकि रहा जार्ज विकेट और उनकी पत्नी रानी मैरी गेट वे ऑफ इंडिया की संरचना का मॉडल देख सकें | गेट वे ऑफ इंडिया विशाल अरब सागर की तरफ बनाया गया है, जो भारत की राजधानी मुंबई शहर के एक अन्य आकर्षण मरीन ड्राइव से जुड़ा है | वह एक सड़क जो समुद्र के सामानांतर चलती है | गेट वे ऑफ इंडिया बनाने का कुल खर्च 21 लाख रुपये आया था |
गेट वे ऑफ इंडिया का उपयोग 
गेट वे ऑफ इंडिया का उपयोग पश्चिम से आने वाले अतिथियों के लिए आगमन के रूप में होता है |स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ब्रिटिश राज सन 1947 में समाप्त हुआ | ब्रिटिश राज का अंतिम जहाज यहाँ से इंग्लैंड की तरफ रवाना हुआ |
गेट वे ऑफ इंडिया यह भव्य स्मारक रात के समय देखने योग्य होता है | यहाँ प्रति वर्ष दिन दुनियाँ भर के लाखो लोग घुमने के लिए आते हैं | गेट वे ऑफ इंडिया यह मुंबई के लोगों की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण स्थान है | क्योंकि यह शहर की संस्कृति को परिभाषित करता है |
निष्कर्ष :
गेट वे ऑफ इंडियामहान ऐतिहासिक स्मारक है | अब यह मुंबई शहर का पर्यायवाची बन गया है | दूर-दूर से लोग यहाँ घूमनें आते हैं |