आदर्श विधार्थी पर निबंध – पढ़े यहाँ Essay in Hindi Adarsh Vidyarthi
By hindiscreen
प्रस्तावना
आदर्श विधार्थी निडर और साहसी होता है और वह हमेशा अनुशासन में रहता है, वह साफ़ सुथरे कपडे पहनता है | आदर्श विधार्थी अपनी शिक्षा पर पूर्ण रूप से ध्यान देता है, स्कूल तथा घर के सभी लोगों के साथअच्छा व्यवहार रखते हैं | आदर्श विधार्थी दिमाग का बहुत तेज होता है, उसके अंदर किसी भी कार्य को करनें की चाह रहती है |
वह बेकार की बातों पर ध्यान नहीं देता है, और नियमित रूप से अपना कार्य करता है | ऐसे बच्चे को देखकर हर कोई उसकी तरह बनना चाहता है , इसलिए आदर्श विधार्थी अन्य विद्यार्थियों का प्रेरणा स्रोत होता है |
आदर्श विद्यार्थी का अर्थ
आदर्श विद्यार्थी का अर्थ है एक ऐसा विद्यार्थी जिसका आचरण और व्यवहार अच्छा होता है | श्रेष्ठ आचरण करने वाला जिज्ञासु क्षात्र प्रवृत्ति का विद्यार्थी होता है, और हर क्षण कुछ न कुछ सीखने के लिए तैयार रहता है | आदर्श विद्यार्थी दो शब्दों से बना होता है विद्या +अर्थी जिसका अर्थ होता है ‘विद्या चाहने वाला’ आदर्श विद्यार्थी किसी भी आयु का हो सकता है |
बालक होकिशोर हो, युवा, या वयस्क, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कुछ सीख रहा होना चाहिए | आदर्श विद्यार्थी के सोचने का दायरा सिमित नहीं होता है, वह विदेश के बारे में भी ज्ञान रखता है, की हर कोई अच्छा नागरिक और देश प्रेमी होता है |
आदर्श विद्यार्थी के लक्षण
“काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च |
अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं |
एकाग्रता– आदर्श विद्यार्थी अपने बुद्धि का अच्छा उपयोग करता है ,किसी भी कार्य को करनें के लिए उसके मस्तिष्क का ध्यानपूर्वक होना जरूरी है | आदर्श विद्यार्थी बिना किसी बाधा के एकाग्र होकर ध्यान लगा कर कार्यो को पूर्ण करने लगता है जिससे उसकी बुद्धि तीव्र हो जाती है |
व्यायाम– आदर्श विद्यार्थी के बुद्धि के कुशल संचालन के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना श्रेष्ठ होता है, क्योंकि व्यायाम द्वारा व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक स्वस्थ अच्छा रहता है |
पौस्टिक आहार – आदर्श विद्यार्थी के जीवन में आहार का बहुत बड़ा योगदान होता है, विद्यार्थी को सादा भोजन, फल इत्यादि का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए |
लक्ष्य – आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहता है, और निरंतर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद को तत्पर रखता है | बिना लक्ष्य के किसी भी व्यक्ति को विद्यार्थी नही कहा जाता |
आत्म संयम – एक कुशल व्यक्तित्व के धनी विद्यार्थी संयमित होता है | अथार्त उसका अपने इन्द्रियों तथा वासनाओ पर पूरा नियंत्रण रहता है, आत्म संयमित विद्यार्थी किसी भी रूप से व्यसनों तथा वासनाओं का आदि नही होता |
निष्कर्ष :
आदर्श विद्यार्थी का जीवन कठिन लगता है, लेकिन वास्तव में उन लोगों की तुलना में सबसे अधिक सुलझा हुआ होता है | आदर्श विद्यार्थी को महत्वकांशी बन जाता है क्योंकि वे लोग अपने जीवन में उच्च लक्ष्य रखते हैं और उन लक्ष्यों को हांसिल करने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करते हैं |