प्रस्तावना :
सम्पूर्ण भारत में ग्लोबल वार्मिंग वायुमंडल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है |लगातार तापमान के स्तर में होने वाले परिवर्तन की प्रक्रिया है |
ऐसा माना जाता है की पृथ्वी पर स्थित कार्बन डाईआक्साइड गैस और ग्रीन हाउस गैस के स्तर में हो रही वृद्धि के कारण पृथ्वी के वातावरण को गर्म करने का मुख्य कारण बन गया है |
माना जा रहा है की इसके प्रतिदिन बढ़ रहे खतरनाक प्रभाव के कारण मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है, ग्लोबल वार्मिंग का एक मुख्य कारण है यह है की, समुद्र स्तर में हो रहे बढ़ोतरी | ग्लोबल वार्मिंग के कारण
ग्रीन हॉउस गैसे वो गैसे होती है जो बाहर से प्राप्त होनेवाले ऊष्मा /गर्मी को अपने अन्दर ओशोषित कर लेती है ग्रीन हाउस गैसों का उपयोग अक्सर सर्द स्थानो में उन पौधों को गर्म रखने के लिए किया जाता है | इसलिए क्योकि अधिक सर्द मोसम के कारण वो ख़राब हो जाते है |
इन्ही कारणों से इन पौधों को कॉच के घर में अर्थात ग्रीन हाउस गैस भर कर रखदी जाती है |जिससे यह गैस सूर्य से आनेवाली किरणों की ऊष्मा को औशोषित कर लेती है और पौधों को गर्मी मिल सके|
ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम
ग्लोबल वार्मिंग का सबसे जादा मानव जाती,पशु तथा पक्षीयों पर इसके परिणाम देखने को मिलता है कफ्ही हद में वज्ञानिको का मनना है की यदि यह ऐसा ही चलता रहेगा तो ये पृथिवी के लिए घातक साबित हो जायेगा|
विश्व के कई हिस्सों में फैली बर्फ की चट्टानें पिघल जाएँगी ,समुद्र का जल स्तर भी कई फिट ऊपर तक उठ जायेगा |अतः समुद्र के इस बढ़ते जल स्तर को देखते हुए ऐसा कहा जा सकता है की कई स्थान में जलभराव की समस्या हो सकती है, उअर की भयानक तबाही से कम नही होगी |हमारे ग्रह पृथ्वी के लिए बहुत ही विनाशकारक साबित होगी |
ग्लोबल वार्मिंग के लिए किये जाने वाले रोकथाम
विशेषग्य का मन्ना है की ग्लोबल वार्मिंग में कमी के लिए पूर्ण रूप से (C.F.C) के द्वारा उत्सर्जित होने वाले गैसों पर रोक लगाना होगा | और इसके कारण सर्वप्रथम हमें फ्रिज, (ऐ /सी) और अन्य शीत करने वाले मशीनों का उपयोग कम करना होगा |
हमें हमेशा से ऐसी मशीनों का उपयोग करना चाहिये जिसमे से (C.F.C) गैसे कम निकले | वाहनों द्वारा उत्सर्जित होने वाले धुएं ,गैसे का कुप्रभाव कम करने के लिए पर्यावरण के अधिकारियो का सख्ती से पालान करना होगा |
उद्द्योगों के प्रभाव
उद्द्योग और खासकर रासायनिक इकाइयों और कूड़े कचरे को पुनः उपयोग में लेने के लिए हमें बल देना होगा, अर्थात हमें इसके ऊपर सुधार करना उद्द्योग और खासकर रासायनिक इकाइयों और कूड़े कचरे को पुनः उपयोग में लेने के लिए हमें बल देना होगा, अर्थात हमें इसके ऊपर सुधार करना होगा।
हमारे वाहनों के द्वारा उत्सर्जित होने वाले कार्बनडाइऑक्सीड (CO२) पर हमें जल्द से जल्द नियंत्रित करना होगा।
निष्कर्ष
अतः हमें इससे यह समाझ जाना चाहिए की हमारे द्वारा किये जानेवाले प्रदुषण की रोकथाम के लिए हमें ही पहल करनी होगा अन्यथा, पूरी पृथ्वी विनाश के कगार पर पहुंच जाएगी हमें अपने आस पास का वातावरण शुद्ध रखना चाहिए।