प्रस्तावना :
मानव जीवन पूरी तरह से पर्यावरण पर ही निर्भर है | पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है | पर्यावरण पर केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियाँ सभी निर्भर है |
इस धरती पर जो भी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है, वह पर्यावरण का ही हिस्सा है | इन प्राकृतिक संसाधनों में धरती, वायु, जल, सूर्य का प्रकाश, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी आते हैं | इन प्राकृतिक संसाधनों की उपस्थिति से ही धरती पर जीवन संभव है |
पर्यावरण, जलवायु, स्वच्छता, प्रदुषण तथा वृक्षों का संपूर्ण योग है जो हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है | वैज्ञानिक प्रगति के परिणामस्वरुप मिलों, कारखानों और वाहनों की संख्या बढ़ जाने के कारण पर्यावरण की समस्या उत्पन्न हो गई है | पर्यावरण और मानव दोनों ही एक दूसरे पर निर्भर हैं |
पर्यावरण यह दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है – परि + आवरण जिसमें परि का अर्थ है चारो ओर और आवरण का अर्थ है ढंका हुआ | हमारे चारो ओर जो कुछ है, उसे हम पर्यावरण से संदर्भित करते हैं जैसे की जैविक, अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु आते हैं | प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, बगीचा, नदी, झील, हवा, आदि शामिल हैं |
पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाये रखना होगा | पुरे ब्रम्हांड में पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है |
पर्यावरण एक प्राकृतिक परिवेश है, जिससे हम चारो तरफ से घिरे हुए हैं | हमारे द्वारा की जाने वाली हर प्रतिक्रिया पर्यावरण से संबंधित है |
पर्यावरण न केवल जलवायु में संतुलन बनाये रखने का काम करता है यह हमारे जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुओं को भी उपलब्ध करवाता है | जहाँ आज विज्ञान की तकनिकी और प्रद्योगिकी की बढ़ावा मिला है, और दुनियाँ का विकास हुआ है |
हर साल ५ जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है | संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है | इसकी शुरुआत १९७२ में ५ जून से १६ जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मलेन से हुई |
विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हर जगह पेड़-पौधे लगाये जाते हैं और पर्यावरण से संबंधित बहुत से कार्य किये जाते हैं | आज के समय में मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण को संतुलित रखने का प्रयास करना चाहिए | पर्यावरण प्रदुषण से मुक्त होना किसी भी समूह की कोशिश की बात नहीं है |
प्रकृति ने हमें यह पर्यावरण रुपी अमूल्य भेंट प्रदान की है | इस पर्यावरण से ही जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध होता है | जैसे की सांस लेने के लिए हवा, पेट भरने के लिए अनाज, फल, फूल, सब्जी एवं पीने के लिए पानी यह सब हमें पर्यावरण से ही उपलब्ध होता है |
यदि आपके पास पर्यावरण पर निबंध से संबंधित कोई अन्य प्रश्न हैं, तो आप नीचे टिप्पणी करके अपनी क्वेरी पूछ सकते हैं।