प्रस्तावना:
महिला यह देश और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं | पुरुषों की तरह सभी महिलाओं को समान अधिकार और हक्क देना चाहिए | इसलिए महिला सशक्तिकरण यह सभी महिलाओं के लिए चलाई गयी एक मुहीम हैं |
इस योजना का आरंभ सभी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किया गया हैं | महिला समाज और परिवार के सभी बंधनों को तोड़कर अपने जीवन में आगे बढ़ सके और खुद अपने जीवन के निर्णय ले सके |
महिला सशक्तिकरण का अर्थ –
महिला सशक्तिकरण का अर्थ होता हैं, महिलाओं को शक्ति प्रदान करना | देश और समाज में महिलाओं को पुरुषों की तरह काम करने के लिए नहीं दिया जाता हैं |
उनके ऊपर सिर्फ परिवार की जिम्मेदारी दी जाती हैं और महिलाओं को घर से बाहर निकालने भी नहीं दिया जाता हैं |
महिला सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य –
महिला सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य यह है की, महिलाओं को शक्ति प्रदान करना ताकि इस देश की महिलाएं पीछे ना रह सके | वो पुरुषों के साथ – साथ कंधे से कंधे मिलाकर चले और समाज में अपना सर उठाकर चल सके |
महिला अपने जीवन के फैसले खुद कर सके | इस योजना का मुख्य हेतु हैं की सभी महिलाओं को उनके अधिकार प्राप्त करके देना |
महिला सशक्तिकरण की जरूरत
हमारा देश यह पुरुष प्रधान वाला देश हैं | इस देश में पुरुषों को सबसे ज्यादा अधिकार दिए जाते हैं | उन्हें महिलाओं से सक्षम समझा जाता हैं | आज भी बहुत सारी जगहों पर महिलाओं को पुरुषों की तरह काम करने के लिए नही दिया जाता हैं |
आज समाज में महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता इसलिए हैं की, भारतीय समाज में लैगिक असमानता सबसे ज्यादा दिखाई देती हैं |
महिलाओं पर परिवार और समाज के द्वारा दबाव डाला जाता हैं | उसके साथ – साथ उनके साथ बहुत हिंसा की जाती जाती हैं | समाज में भेदभाव किया जाता हैं |
विविध प्रथा
भारत यह एक महान और प्रसिद्ध देश हैं | इस देश में विविधता में एकता साबित करके दिखाई हैं | भारतीय समाज में विविध धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं | लेकिन महिलाओं के खिलाफ बहुत सारे गलत कार्य किये जाते हैं |
उनके साथ अन्य प्रकार के हिंसात्मक अत्याचार किये जाते हैं | महिलाओं को समाज में दहेज़ प्रथा, सती प्रथा, घरेलु हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह, बाल मजदूरी ऐसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं |
महान नेताओं का योगदान
हमारे देश की सभी प्रथाएं दूर करने के लिए बहुत सारे समाज सुधारको ने बहुत बड़ा योगदान दिया हैं | राजा राममोहन राय इन्होंने सती प्रथा को दूर करने के लिए ब्रिटिश सरकार को मजबूर किया |
ईश्वर चंद्र विद्यासागर, विनोभा भावे इत्यादि ने महिलाओं को हक को समाज के सामने रखकर लोगों को सही रास्ता दिखाया |
निष्कर्ष:
हमारे समाज और देश में महिला सशक्तिकरण लाने के लिए बुरु प्रथाओं को सबसे पहले हटाना चाहिए | बहुत सारे लोगों को अपनी गलत सोच बदलनी होगी |
लोगों को महिला सशक्तिकरण को समझना चाहिए और महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें उनके हक देने चाहिए |