दुर्गा पूजा पर निबंध – पढ़े यहाँ Durga Puja Hindi Essay

भूमिका :

दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है | यह त्यौहार दुर्गा माता की पूजा आराधना के साथ १० दिनों तक चलता रहता है | दुर्गा पूजा को दुर्गात्सव भी कहा जाता है | यह पुरे भारत में मनाया जाने वाला धार्मिक त्यौहार है |

दुर्गा पूजा के दौरान लोग दुर्गा माता के ९ रुपों की ९ दिन तक पूजा अर्चना किया जाता है और दसवें दिन दशहरे के तौर पर मनाया जाता है | हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार किसी न किसी रुप में कोई विशेष महत्व जरुर होता है |

दुर्गा पूजा अथवा शरदोत्सव दक्षिण एशिया में मनाया जानें वाला एक वार्षिक त्यौहार है | दुर्गा पूजा को मनाने की तिथि पारंपरिक रुप से हिंदू पंचांग के अनुसार आता है |

इस त्यौहार से संबंधित पखवाड़े को देवी पक्ष, देइ पखवाड़ा के नाम से भी जाना जाता है | यह त्यौहार दुर्गा माता के बुराई का प्रतिक राक्षस महिषासुर के अंत के खुशी में मनाया जाता है |

दुर्गा पूजा मनाना सर्वप्रथम भगवान राम ने रावण को मारने के लिए दुर्गा माता से शक्ति प्राप्त कर उनकी पूजा शुरु किया गया |

दुर्गा पूजा का अवसर बहुत ही खुशियों से भरा होता है | दुर्गा पूजा हिन्दुओं का महत्वपूर्ण और प्रसिद्द त्यौहार होता है | लेकिन यह बंगालियों का प्रमुख त्यौहार होता है | दुर्गा माता की शक्ति प्राप्त करने के लिए लोग पुरे नौ दिन तक उपवास रखकर पूजा करते हैं |

दुर्गा पूजा से जुडी अनेक कथाएं है, माता दुर्गा ने इस दिन महिषाषुर का संहार किया था | भगवान राम ने दस सिर वाले रावण का वध इसी दिन किया था, इस दिन बुराई पर अच्छी की जीत हुई थी | इस पर्व को शक्ति का पर्व कहा जाता है|

दुर्गा माता का नवरात्र में पूजा इसलिए किया जाता है कहा जाता है की, निरंतर १० दिन तक युद्ध करके माता ने राक्षस महिषासुर का वध किया था | उनके दस हाथ हैं, दसो हाथ में विभिन्न प्रकार के हथियार हैं | दुर्गा माता के कारण लोगों को असुर राजा से राहत मिली है | इसलिए दुर्गा पूजा लोग उनकी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं|

दुर्गा पूजा अश्विन माह में चाँदनी रात में (शुक्ल पक्ष) में नौ दिनों तक ओप्पजा की जाती है | दसवां दिन विजयादशमी के रुप में मनाया जाता है | यह त्यौहार बुराई, राक्षस महिषासुर पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है | बंगाल के लोग माता दुर्गा को दुर्गोत्सनी या बुराई की विनाशक और भक्तों की रक्षक के रुप में पूजा करते हैं|

नवरात्र में डांडिया और गरभा खेलना बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है | कई जगहों पर सिंदुरलेखन का रिवाज है | दुर्गा पूजा के दौरान विवाहित औरतें माँ के पंडाल में सिंदूर के साथ खेलती हैं | गरभा की तैयारी कई दिन पहले ही शुरू हो जाती है, प्रतियोगियाएँ रखी जाती हैं और जितने वालों को पुरस्कृत किया जाता है|

यदि आपके पास दुर्गा पूजा पर निबंध से संबंधित कोई अन्य प्रश्न हैं, तो आप नीचे टिप्पणी करके अपनी क्वेरी पूछ सकते हैं।

Updated: मार्च 3, 2020 — 10:30 पूर्वाह्न

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *