प्रस्तावना:
हमारा देश यह त्योहारों का देश हैं | इस देश को त्योहारों की भूमि कहां जाता हैं | हमारे देश में विविध प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं | यह सभी त्योहारों में से हिन्दू धर्म का मुख्य त्यौहार हैं |
दिवाली त्यौहार पांच दिनों तक चलने वाला त्यौहार हैं | इस देश में रहने वाले सभी लोग इस त्यौहार को बहुत ख़ुशी के साथ मनाते हैं |
दिवाली का अर्थ –
दिवाली का अर्थ होता हैं, दीपों की माला या पंक्ति | दिवाली को दिपावली और रोशनी का त्यौहार भी कहां जाता हैं | इस दिन चारों तरफ दीपों की रोशनी नजर आती हैं |
दिवाली कब मनाई जाती हैं
दिवाली यह त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता हैं | शीत ऋतू में इस त्यौहार का आगमन होता हैं | यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक के रूप में मनाया जाता हैं |
दिवाली क्यों मनाई जाती हैं –
इस दिन भगवान श्रीराम १४ वर्ष का वनवास काटकर अपने भाई और उनकी पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस लौटे थे |
जिस दिन यह लौटे थे वह अमावस्या का दिन था और चारों तरफ अँधेरा था | इसलिए सभी अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दिप जलाकर किया था | इस दिन बारे पर अच्छाई की जीत हुई थी |
दिवाली का इतिहास
दिवाली के दिन समुद्र मंथन के समय लाक्स्मीजी का जन्म हुआ था | इस दिन लाक्स्मीजी की पूजा भी की जाती हैं | सभी लोग धन – धन और ऐश्वर्य की मनोकामना करते हैं | यह त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता हैं |
धनतेरस
दिवाली का सबसे पहला दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता हैं | इस दिन सभी लोग नया बर्तन खरीदते हैं | लोग ऐसा मनाते हैं की, इस दिन खरीदारी करने से वृद्धि हो जाती हैं |
नरक चतुर्थी
दिवाली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता हैं | यह दिन छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं | दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था | इस दिन घर के बाहर ५ दिप जलाये जाते हैं |
बड़ी दिवाली
दिवाली का तीसरा दिन सबसे मुख्य दिन होता हैं | इस दिन माँ महालक्ष्मी की पूजा की जाती हैं | उसके साथ विद्या की देवी माँ शारदा और भगवान गणेशजी की पूजा की जाती हैं | इस दिन सभी लोग अपने घर में रंगोली बनाते हैं और बहुत सारी मिठाई भी बनाई जाती हैं |
गोवर्धन पूजा
दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता हैं | इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रा की क्रोध से मुसलधार को वर्षा को रोकने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक ऊँगली पर उठाया था |
भाईदूज
दिवाली का आखिरी दिन भाईदूज के रूप में मनाया जाता हैं | यह दिन भाई – बहन को रक्षा के सूत्र में बांधने का कार्य करता हैं | सभी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं |
निष्कर्ष:
दिवाली के त्यौहार से हम सभी को यही सीख मिलती हैं की, कभी भी इन्सान को अंधकार से नहीं डरना चाहिए | क्योंकि छोटे – छोटे दिप भी अंधकार को दूर करके प्रकाश देते हैं | यह त्यौहार जीवन में ख़ुशी प्रदान करता हैं |