दिवाली पर निबंध

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

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By hindiscreen

दीपावली, हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहारों में से एक है। इसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है, जो प्रकाश, आनंद और खुशियों के आगमन का प्रतीक है। यह त्योहार अँधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का संकेत स्वरूप है, एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है।

दीपावली का मतलब होता है दीपों की पंक्ति। हम इसे कार्तिक मास की अमावस्या को मनाते हैं, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्टूबर और नवम्बर के महीने में आती है। यह त्योहार लक्ष्मी – धन की देवी और गणेश – शुरुआत के देवता की पूजा के साथ मनाया जाता है।

यह त्योहार अपने आप में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह न केवल घरों को रोशनी से भर देता है, बल्कि यह हमें अच्छाई के प्रतीक के रूप में प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करता है। दीपावली के दिन हम अपने घरों को सजाते हैं, मिठाईयाँ बनाते हैं, उत्साहित होते हैं और परिवार के साथ खुशियां

दिवाली का इतिहास

दिवाली का इतिहास

दीपावली, जो विश्वविख्यात प्रकाश का त्योहार है, हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इसका इतिहास वेद काल से ही जुड़ा हुआ है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवम्बर महीने में पड़ता है। इसे प्रकाश की विजय के रूप में स्वीकार किया जाता है, जहाँ प्रकाश अँधेरे पर विजय प्राप्त करता है।

दीपावली का इतिहास कई धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। अधिकांश लोगों की मान्यता है कि दीपावली की शुरुआत भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस लौटने के दिन हुई थी, जो उनके 14 वर्ष के वनवास के बाद था। इसी कारण लोग खुशी-खुशी दीप जलाते हैं और उनके स्वागत के लिए घरों को सजाते हैं।

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का आयोजन होता है, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। इसे व्यापारियों के नये वर्ष की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। अनेकों ऐतिहासिक और पुरानी कथाएं हमें दीपावली के महत्व के बारे में बताती हैं, जिसे हमें समझना चाहिए।

यही कारण है कि दीपावली को हम एकता, खुशी, और प्रेम का पर्व मानते हैं। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि सत्य हमेशा असत्य पर, उज्जवलता हमेशा अँधेरे पर और अच्छाई हमेशा बुराई पर प्रबल होती है।

दीपावली का अर्थ

दीपावली एक हिन्दी शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘दीपों की पंक्ति’. ‘दीप’ यानि दिया और ‘आवली’ यानि पंक्ति। यह त्योहार अँधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का संकेत स्वरूप है। इसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है, जो प्रकाश, आनंद और खुशियों के आगमन का प्रतीक है।

दीपावली के दिन, हमारे घरों में और उनके आस-पास अनेकों दीपक जलते हैं। यह दीपक आशा की किरण लाते हैं, जीवन में उजाला भरते हैं और हमें खुशियों की तरफ ले जाते हैं। हम दीपावली को धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के रूप में पाँच दिवसीय उत्सव के रूप में मनाते हैं।

दीपावली के पावन अवसर पर, हमें अच्छाई के पथ पर चलने, दूसरों की मदद करने, और प्रेम, भाईचारा और सहानुभूति की भावना से जीवन जीने का संदेश मिलता है।

दीपावली क्यों मनाया जाता है 

दीपावली क्यों मनाया जाता है

दीपावली, जिसे हम दियों का त्योहार भी कहते हैं, भारत का एक प्रमुख और आनंदित उत्सव है। यह उत्सव अँधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक है। इसके मनाने की विभिन्न कथाएं और कारण हैं जिनमें से कुछ नीचे उल्लिखित हैं:

  • श्रीराम की वापसी: रामायण के अनुसार, दीपावली को भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास से लौटने की खुशी में मनाया जाता है। उनके स्वागत में अयोध्या वासियों ने दीपक जलाये थे।
  • नरकासुर वध: भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था। इस विजय के उत्सव के रूप में दीपावली मनाई जाती है।
  • महालक्ष्मी की पूजा: मान्यता है कि देवी लक्ष्मी दीपावली की रात को नए घरों, दुकानों और ऑफिसों में जा कर आशीर्वाद देती हैं। इसलिए लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है।
  • महावीर स्वामी का निर्वाण: जैन समुदाय में, दीपावली भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है।
  • गुरु हरगोबिंद सिंह जी की रिहाई: सिख धर्म में, दीपावली को गुरु हरगोबिंद सिंह जी की बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार की तैयारी

दीपावली त्योहार की तैयारी

दीपावली, दियों का त्योहार, भारत में बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे मनाने की तैयारी अच्छी खासी समय पहले शुरू हो जाती है। निम्नलिखित बिंदु इस तैयारी की विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं:

  • घर की सफाई: दीपावली के पहले हमारे घरों की सफाई होती है। मान्यता है कि माता लक्ष्मी स्वच्छ स्थलों को पसंद करती हैं, इसलिए घरों और व्यवसायिक स्थलों की सफाई की जाती है।
  • रंगोली और आलीपन: घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। यह एक कला है जिसमें विभिन्न रंगों से खूबसूरत पैटर्न बनाए जाते हैं। इसका मकसद अच्छी ऊर्जा को आकर्षित करना है।
  • दीपकों की खरीददारी: दीपावली के लिए विभिन्न प्रकार के दीपक और दिये खरीदे जाते हैं। यह दीपक घर को सजाने के लिए और दीपावली की रात को जलाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • मिठाई और उपहार: दीपावली के दौरान मिठाई और उपहारों की खरीददारी होती है। इस अवसर पर, हमारे परिवार और दोस्तों को उपहार दिए जाते हैं।
  • पूजन सामग्री: दीपावली पर लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। इसके लिए विभिन्न पूजन सामग्री जैसे कि अगरबत्ती, कपूर, चौंकी, कलश, रोली, मोली, पूजा की थाली आदि खरीदी जाती है।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली, जिसे प्रकाश का त्योहार भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसमें पटाखों का विशेष महत्व होता है। पटाखे दीपावली के अभिन्न अंग माने जाते हैं जो उत्सव को और भी उज्ज्वल बनाते हैं।

  1. पटाखों के चमकने से दीपावली का अत्यंत आनंदित माहौल बनता है। यह अनंत स्नेह, खुशियों और मजबूत बंधन का प्रतीक है।
  2. पटाखे आकर्षक रंगों के झरोखों की तरह उड़ने से आसमान रौशनी से भर जाता है। यह एक रंगीन और प्रफुल्लित नजारा प्रदान करता है।
  3. पटाखों की ध्वनि और धुंध दीपावली की महानतम उत्सव की गरिमा को और भी बढ़ाती है। यह मन को हर्षित करती है और रंग-बिरंगे संसार में प्रवेश कराती है।
  4. पटाखे सोने और चांदी के जलते दीपकों के साथ मिलकर दीपावली के प्रदर्शनी में चमक और मजबूती लाते हैं। यह त्योहार की संघटना में चमक और जीवनता को बढ़ाते हैं।
  5. पटाखे दीपावली की उत्साहभरी रातों में एक अनुभव बनाते हैं। यह सभी के बीच साझा किए जाने वाले अवसरों में एक आवाज़ है और आनंद का स्रोत है।

दिवाली भारत में कैसे मनाया जाता है

दिवाली भारत में कैसे मनाया जाता है

दिवाली, जो प्रकाश का त्योहार कहलाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण और आनंदमयी त्योहार है। यह पूरे देश में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है और इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने विशेष तरीकों से जश्नात्मक आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

  1. उत्तर भारत: उत्तर भारत में दिवाली को रामलीला के रूप में भी मनाया जाता है, जहां भगवान राम की कथा और रावण दहन के दृश्यों को नकली महानगरीय जंगल में आयोजित किया जाता है। वाराणसी और मथुरा क्षेत्र में भी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में दिवाली मनाई जाती है।
  2. दक्षिण भारत: दक्षिण भारतीय राज्यों में दिवाली विशेष रूप से देवी महालक्ष्मी की पूजा और दीपावली पटाकों के जलाने के साथ मनाई जाती है। केरल में दिवाली के दिन कटुवलंग्लम नामक पटाके फोड़े जाते हैं।
  3. पश्चिम भारत: पश्चिम भारत में दिवाली को देवी दुर्गा की पूजा के साथ मनाया जाता है। दिवाली के पहले दिन दुर्गा पूजा और दिवाली के दूसरे दिन काली पूजा की विशेषता है।
  4. पूर्वोत्तर भारत: पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों में दिवाली को बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मेघालय में दीपावली को बोमरा नामक प्रकाश के आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

दिवाली देश भर में विभिन्न रूपों में मनाई जाती है, जहां लोग घरों को सजाते हैं, दीपक जलाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, उत्सवी भोजन और मिठाईयां तैयार करते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ आनंद मनाते हैं। यह त्योहार हर्ष और उत्साह का प्रतीक है जो विभिन्न संस्कृति और परंपराओं को मिलाता है।

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव 

दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सवों में कुछ प्रमुख हैं जो देश भर में खुशहाली और उत्साह से मनाए जाते हैं। ये हैं:

  1. धनतेरस: दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला उत्सव है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और धन और समृद्धि की कामना की जाती है।
  2. छठ पूजा: छठ पूजा दिवाली के दूसरे दिन मनाई जाती है। यह उत्तर भारत में प्रमुख रूप से मनाया जाने वाला उत्सव है जिसमें सूर्यदेवता की पूजा की जाती है।
  3. भैया दूज: दीपावली के चौथे दिन मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की रक्षा करती हैं और उन्हें वरदान देती हैं।
  4. गोवर्धन पूजा: दीपावली के चौथे दिन मनाया जाने वाला उत्सव है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और गोवर्धन पर्वत की पूजा भी की जाती है।
  5. भाईदूज: दीपावली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को बहनेदूज की मुहर से तिलक लगाती है

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है

दीपावली में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और सरस्वती की पूजा की जाती है। लक्ष्मी पूजा विशेष रूप से दीपावली के तीसरे दिन यानी अमावस्या के दिन होती है। इस दिन घर को सजाया जाता है, दीपकों की ज्योति जलाई जाती है और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। गणेश जी की पूजा भी इसी दिन होती है, क्योंकि उन्हें नई शुरुआतों के देवता माना जाता है।

सरस्वती माता की पूजा भी दीपावली के दिन की जाती है, क्योंकि वे ज्ञान और कला की देवी हैं और उनकी कृपा से बुद्धि और शिक्षा की प्राप्ति होती है। इन देवी-देवताओं की पूजा दीपावली के दौरान धन, समृद्धि, सौभाग्य और सफलता की प्राप्ति के लिए की जाती है।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

विदेश में दिपावली का स्वरूप

विदेश में दीपावली को विभिन्न नामों से मनाया जाता है और यहाँ के लोग भी इसे धूमधाम से उत्साह के साथ मनाते हैं।

  • फिरोजा आहमदी दीवाली: यह दक्षिण अफ्रीका में मनाया जाता है और यहाँ की भारतीय समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
  • त्योहार के पौधों की रौशनी: यह दीपावली इंग्लैंड में मनाई जाती है और यहाँ की भारतीय समुदाय ने इसे अपनाया है।
  • तृतीया नगरिकों द्वारा मनाई जाती है और यह अमेरिका में विभिन्न नगरिक समुदायों द्वारा मनाया जाता है।
  • हांगकांग में दीपावली: हांगकांग में दीपावली का धूमधाम से आयोजन किया जाता है और यहाँ की भारतीय समुदाय द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है।

ये उदाहरण दिखाते हैं कि दीपावली की प्रेम, खुशी और आनंद की भावना दुनिया भर में व्याप्त है और लोग इसे अपनी संस्कृति में सम्मिलित करके मनाते हैं।

मॉडर्न ज़माने की दीपावली

मॉडर्न ज़माने की दीपावली

मॉडर्न ज़माने में दीपावली को अपनी नई-नवीनतम रूपों में मनाया जाता है। इस दौरान नए तरीकों से उत्साह और धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है।

  • एलेक्ट्रॉनिक दीपावली: इलेक्ट्रॉनिक दीपावली के दौरान घरों में LED दीपकों, तारों और दीपावली लाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है जो एक प्रकाशमय और रंगीन नजारा प्रदान करते हैं।
  • आर्टिफिशियल फायरक्रैकर्स: इस दीपावली में लोग आर्टिफिशियल फायरक्रैकर्स का इस्तेमाल करते हैं जो अस्थायी धूप में पटकते हैं और आकर्षक रंगीन चमक प्रदान करते हैं।
  • दीपावली पार्टी: मॉडर्न दीपावली में पार्टी आयोजित की जाती है जहां लोग मित्रों और परिवार के साथ मनोरंजन, खान-पान और आधुनिक गीतों का आनंद लेते हैं।
  • ई-शुभकामनाएँ: अब लोग ईमेल, सोशल मीडिया और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दीपावली की शुभकामनाएँ भेजते हैं और आपसी बंधन को नया अर्थ देते हैं।
  • सोशल सर्विस एक्टिविटीज: दीपावली के दौरान लोग आपसी मदद और सेवा का एक प्रतीक रूप देते हैं। वे निवासियों की मदद करते हैं, गरीबों के लिए खाद्य बांटते हैं और सामाजिक कार्यों में योगदान देते हैं।

इन मॉडर्न दीपावली आयोजनों ने त्योहार को नया रंग और आनंद प्रदान किया है और लोगों को आपसी मिलन-जुलन और समृद्धि की भावना से जोड़ा है।

निष्कर्ष

दीपावली भारतीय उपमहाद्वीप में एक प्रमुख और प्रसिद्ध धार्मिक त्योहार है। यह प्रकाश के पर्व के रूप में मनाया जाता है और खुशहाली, समृद्धि, सौभाग्य, आनंद और प्रेम की भावना को स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। दीपावली का अर्थ होता है “दीपों की पंक्ति” और इसे हिंदू पंचांग के कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

इस त्योहार में लोग अपने घरों को सजाते हैं, दीपक जलाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खाने-पीने का आनंद लेते हैं और शुभकामनाएं वितरित करते हैं। दीपावली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, दीपावली पर हर व्यक्ति आपसी एकता, विश्वास और भाईचारे को मजबूती से प्रकट करता है।

दीपावली का उत्साह, रंगीनता और आनंद न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में महसूसा जाता है। विदेशों में भी भारतीय समुदाय दीपावली को धूमधाम से मनाते हैं और उस दिन देशी भोजन, विभिन्न आयोजन और रंग-बिरंगे परिवारिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। दीपावली देशों के बीच एक एकता का संकेत है और भारतीय संस्कृति और परंपराओं की महिमा को प्रदर्शित करता है।

FAQs

दीपावली का निबंध क्या है?

दीपावली का निबंध एक विस्तृत लेख होता है जिसमें दीपावली त्योहार के बारे में जानकारी, उसका महत्व, मनाने का तरीका, पूजा-अर्चना और इसके बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल किया जाता है।

दीपावली का निबंध 10 वाक्यों में क्या होगा?

दीपावली भारत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। यह प्रकाश के पर्व के रूप में जाना जाता है। इसे खुशहाली और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन घरों को सजाया जाता है और दीपक जलाए जाते हैं। लोग मिठाई बांटते हैं और पटाखे फोड़ते हैं। यह त्योहार परिवार और मित्रों के संग मनाया जाता है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है पर निबंध?

दीपावली का मनाने का कारण है विभिन्न प्राचीन कथाओं, इतिहास और धर्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। इसे भगवान राम के अयोध्या वापसी, माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा के अवसर, महालक्ष्मी की आगमन और सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। इसके अलावा, दीपावली एक परिवारिक त्योहार है जो प्रेम, उत्साह और एकता की भावना को प्रकट करता है।

दिवाली कैसे लिखें?

दिवाली को हिंदी में “दिवाली” या “दीपावली” रूप में लिखा जाता है।

 दिवाली का क्या महत्व है?

 दिवाली का महत्व खुशहाली, समृद्धि, सौभाग्य, प्रकाश की विजय, धर्म की जीत, दुष्टता के नाश और आत्मिक उन्नति की प्रतीकता है। यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक त्योहार है जिसे विभिन्न परंपराओं, कथाओं और धर्मिक विश्वासों से जोड़ा गया है।

सरल शब्दों में दीपावली क्या है?

दीपावली एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है जिसे प्रकाश के पर्व के रूप में जाना जाता है। यह खुशहाली, समृद्धि, सौभाग्य, प्रेम और एकता का प्रतीक है।

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