प्रस्तावना :
संगणक यह एक बहुत ही अद्द्भुत आधुनिक और विद्द्युतिय यन्त्र है| बिना विद्युत् के ये कुछ भी नहीं है, जो मानव जाती की आधी से अधिक कार्यो को संछिप्त करती है|
अर्थात मानव की सबसे बड़ी सहायक यन्त्र बन गई है जिससे कभी भी कोई भी काम करवा सकते है, जिसे हम डिजिटल भी कह सकते है|
आज हम सभी लोग अपने जीवन में संगणक का उपयोग बड़े ही मनोरंजक कार्य से लेकर बड़े बड़े कठिन गणितीय काम को करने के लिए करते है |
संगणक की खोज
इसमें कोई दोराय नहीं है की, संगणक मानव जीव का सबसे बड़ा हिस्सा| अविष्कार है जो मनुष्य के जटिल काम को सरल बना चूका है |
संगणक का इतिहास लगभग ३० वर्ष पुराना है, जब चीन में एक केलकुलेशन मशीन ऐबक्स का अविष्कार हुआ था||
यह एक टेक्नीकल यन्त्र है जो की चीन, जापान सहिंत एशिया के विभिन्न देशों में अंको की गणना के लिए काम आता है |
१८८२ में चार्ल्स बेबेजजो एक गणित के प्रोफेसर थे| चार्ल्स बेबेजजो ने सबसे पहले डिजिटल संगणक बनाया पास्कलिन से प्रेरणा लेकर डिफ्रेन्सियल और एनालिटीकल एनिंजन का अविष्कार किया,
संगणक की पीढ़ी
पहली पीढ़ी : पीढ़ी मइक्रोप्रोसेसर पर आधारित था।
दूसरी पीढ़ी : ट्रांसिस्टर पर आधारित था।
तीसरी पीढ़ी : इंटीग्रेटेड सर्किट
चौथी पीढ़ी : माइक्रोप्रोसेसर
पांचवा पीढ़ी : अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
संगणक से होनेवाले लाभ
संगणक के द्वारा हम उसमे गेमस खेल सकते है ,बड़ी से बड़ी जानकारिया भी सुरक्षित रूप से रख सकते है, संगणक और महाजाल के कनेक्शन, इन दोनों की सहायता से या विश्व का सबसे उत्तम संचार बन गया है |
कंप्यूटर पर इन्टरनेट की सेवा आप बिना रोक टोक के इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप अपने दूर बैठे मित्रो, परिवार के सदस्य से संगणक पर विडियो कॉल, इमेलिंग, मेसेजिंग के माध्यम से आसानी से संपर्क कर सकते हैं।
संगणक के कुछ दुष्परिणाम
संगणक के दुष्परिणाम कुछ इस प्रकार के है, जैसे लोग अपने संगणक को कही सायबरकैफ्ह में लॉग इन करके भूल जाते है लॉगऑफ करना, इससे कई तरह के क्रिमिनल प्रक्रिया होती है, और इस कारण संगणक का एडमिन मुसीबत में फस जाता है |
संगणक के द्वारा उत्पन्न होने वाले रोग का नाम “रिपिटेटीव स्ट्रेस इन्ज्युर्स ” (आर अस आई) जिससे व्यक्ति अपंग होता है और यह एक अभिशाप है |
यह रोग मुख्या रूप से प्रतिदिन एकसा काम करने वाले लोगो को होता है अर्थात एक स्थित रूप से एक जगह पर देखने से आखो पर इसके दुष्परिणाम होते है |
निष्कर्ष :
संगणक एक चार्ल्स बेबेजज द्वारा किया गया अविष्कार था जिससे आज पूरी दुनिया इसके उपयोग से अपना जीवन कुशल तरह से व्यतीत कर रहे है अर्थात पूर्ण आनंद रूप से इसका लुप्त उठा रहे है हमें भी इनसे कुछ न कुछ प्रेरणा लेनी चाहिए।
हमें भी कुछ ऐसा अविष्कार करना चाहिए जिससे हमारे देश का विकास हो और जिससे सब उसका सदुपयोग करे।
आज के दैनिक जीवन में और आधुनिक युग में इसी तरह और अर्थात इससे एडवांस अविष्कार होना चाहिए जो की अभी भी बाकि है।