जलवायु परिवर्तन पर निबंध – पढ़े यहाँ Climate Change Essay in Hindi

प्रस्तावना :

जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जलवायु परिस्थतियों में परिवर्तन है | वर्तमान समय में मानव द्वारा विकास क्रम में अंधाधुंध औद्योगिकरण से जलवायु में बदलाव हो रहा है | जलवायु में हो रहे इन सभी परिवर्तन ने पृथ्वी पर खतरे की घंटी बजा दी है | जलवायु परिवर्तन आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर समस्या बन चूका है |

जलवायु परिवर्तन क्या है :

fidy पिछले कुछ सदियों से हमारी जलवायु में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है | पृथ्वी का औसत तापमान अभी लगभग १५ डिग्री सेल्सियस है | भूगर्भीय प्रमाण बताते हैं की पूर्व में यह बहुत अधिक या  कम हो रहा है | लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जलवायु में अचानक तेहि से बदलाव हो रहा है |

मौसम की अपनी खासियत होती है | लेकिन अब इसका ढंग बदल रहा है | जलवायु परिवर्तन होने के कारण गर्मी लंबी होती जा रही है और सर्दी छोटी होती जा रही है |जलवायु परिवर्तन को विस्तार रूप से यह जान लेना जरुरी होगा की जलवायु किसे कहा जाता है | किसी भी स्थान का दीर्घकालीन मौसम जलवायु कहलाता है |

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव:-

वनों पर प्रभाव 

Importance Of Trees वन एक प्रकार से विभिन्न पशुओं और पेड़-पौधों की अनेक प्रजाति के लिए आवास की भूमिका निभाते है | साथ ही इस पृथ्वी पर परिस्थियिक संतुलन को बनाये रखते हैं | हलाँकि विश्व के कई क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के कारण वन विलुप्त होने के कगार पर है |

जलवायु परिवर्तन के कारण धरती पर जल की पूरी प्रणाली अव्यवस्थित हो गई है | वर्षा का स्वरुप भी अनिश्चित हो गया है | जिसके कारण जंगलों में रहने वाले जानवरों और पाए-पौधों की अनेक प्रजातियाँ विलुप्त होने के कारण कम होती जा रही हैं |

जल पर पड़ने वाला नकारात्मक प्रभाव 

Waterfalls जलवातु परिवर्तन के कारण जल-प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है | इसके परिणाम स्वरुप ग्लेशियर पिघलते जा रहा है और वर्षा अनियमित रूप से हो रही है | वर्षा का स्वरुप बदलनें के कारण पर्यावरण में असंतुलन को बढ़ा रहे हैं |

वनों में होने वाले दुष्प्रभाव 

tree1 जलवायु परिस्थितियों में होने वाला व्यापक परिवर्तन के कारण अनेक पौधे और जानवरों की संख्या विलुप्त होती जा रही है | कुछ क्षेत्रों में विशेष प्रकार की वृक्ष सामूहिक रूप से विलुप्त होने के कगार पर पहुँच चुकी है |

पृथ्वी की कक्षा में बदलाव 

पृथ्वी बचाओ 1पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन होने के कारण सूर्य के प्रकाश के मौसमी वितरण जिससे सतह पर पहुँचने वाले सूर्य के प्रकाश की मात्रा प्रभावित होती है | कक्षीय परिवर्तन तीन प्रकार के होते हैं | इनमें पृथ्वी की विकेंद्रता में परिवर्तन पृथ्वी के घूर्णन के अक्ष के झुकाव कोण में परिवर्तन और पृथ्वी की धुरी की विकेंद्रता शामिल है |

निष्कर्ष :

विश्व तापमान में वृद्धि का मुख्य कारण पर्यावरण में ग्रीन हाउस गैस जैसे (कार्बनडाई ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रियस ऑक्साइड, हाइड्रो फ्लोरो कार्बन, सल्फर डाईऑक्साइड) की मात्रा में बढ़ोतरी का होना है | जलवातु परिवर्तन के कारण कम वर्षा होने के कारण कृषि उत्पादन में कमी आई है |

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *