भूमिका :
भारत में पहले से ही बच्चों को ईश्वर का रूप माना जाता है | ईश्वर के बाल रूप अनेक मंडी हैं जैसे बाल गणेश, बाल गोपाल, बाल हनुमान आदि इसके प्रत्यक्ष उदहारण हैं | भारतीय दर्शन के अनुसार बाल रूप को स्वंय ही भगवान् समझा जाता है | ध्रुव, प्रह्लाद, लव-कुश, अभिमन्यु आज भी भारत में सभी लोगों के दिल में बसे हुए हैं |
बाल अधिकार दिवस 
बाल अधिकार दिवस २० नवंबर को हर साल बच्चों के अधिकार और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है | बाल अधिकार के अनुसार बाल को भोजन, पोषण और स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा, मनोरंजन का अधिकार है |
बाल अधिकार का उद्देश्य 
प्रत्येक व्यक्ति को समानता, स्वतंत्रता एवं गरिमापूर्ण तरीके से जीने का अधिकार है, जो भारतीय संविधान के भाग तीन में मूलभूत अधिकारों में वर्णित है | न्यायालय भी मान्यता देता है | इसके आलावा अंतराष्ट्रीय समझौते के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा भी स्वीकार किये गए हैं |
इन सभी अधिकारों में प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार चिकित्सा सुविधा का अधिकार भी दिया गया है | बालकों के साथ होनेवाली हिंसा, दुर्व्यवहार को रोकना और बालक के विकास में उनके अभिभावक की सहायता करना | १८ वर्ष से कम उम्र के बालकों की जिम्मेदारी के लिए उनके अभिभावक को जागरूक करना |
बच्चे देश के भविष्य हैं 
इन अधिकारों का हनन जाति, धर्म, भाषा, लिंग भेद के आधार पर नहीं किया जा सकता | हम सभी जानते हैं की बच्चे देश के भविष्य होते हैं |
भावी नागरिक होने के कारण उन पर देश का भविष्य टिका होता है | लेकिन उनके संतुलित विकास के मार्ग में अनेक बाधाएँ और रुकावटें निरंतर बनी रहती है |
संयुक्त राष्ट्र की घोसणा 
संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकारों की सार्वजानिक घोषणा में १० दिसंबर १९५० को देशों को याद दिलाया की प्रत्येक बालक बालिका को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है | उनकी शिक्षा प्रारंभिक स्तर पर निःशुल्क होना चाहिए |
इस घोसणा का मूल उद्देश्य विश्व के सभी बच्चों को मुलभुत मानवीय अधिकारों को सुनिश्चित करना था | प्रत्येक बालक को जन्म से ही राष्ट्रीयता का अधिकार प्राप्त है |
बालक का अधिकार :
- देश के प्रत्येक बालकों को जीने का अधिकार है |
- देश के बालक का उचित देखभाल और खाने-पीने का अधिकार है |
- बालक का व्यक्तित्व का उचित विकास परिवार के बीच ही हो सकता है, इसलिए उन्हें परिवार में रहने का अधिकार है |
- सभी बालकों को स्वास्थ्य सुविधाएँ पाने का पूरा अधिकार है |
- सभी बालकों को पूर्ण रूप से शिक्षा पाने का अधिकार है |
- बालक को आराम करने, खेलने कूदने मनोरंजन करने और सांस्कृतिक तथा कलात्मक गतिविधियों में स्वतंत्र रूप से भाग लेने का अधिकार है |
- बालक को शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने और अपना संगठन बनाने तथा आर्थिक और शारीरिक शोषण से बचने का पूरा अधिकार है |
- युद्ध, बाढ़, सूखा, महामारी, भूकंप जैसी मुसीबत के समय सबसे पहले राहत पाने अधिकार का बालक को है |