बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – पढ़े यहाँ Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi

प्रस्तावना :

संसार में मनुष्य जाती का अस्तित्व, पुरुष तथा महिला इन दोनों के भागीदारी के बिना समभव ही नही हैं, महिलाये पुरुषों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होती हैं | महिलायें संसार में मानव जाती को निरंतर जन्म देकर प्राक्रतिक क्रिया को संतुलित बनाये रखी हैं |

वर्तमान में लड़कियों को बहुत ही सुखद सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो की प्राचीन काल में ऐसा नहीं था, स्त्रियाँ न जाने कई अत्याचारों से पीड़ित थी| और देखा जाए तो सबसे ज्यादा अत्याचार वो था, जो महिलाओं के बिना इच्छा के अनुसार उनका भ्रूण हत्या किया जाता था|

बेटियों पर हो रहे अत्याचार 

माँ के प्रति आज का सामाजिक व्यवहारभारत देश में प्राचीन काल से ही बेटियों तथा महिलाओ पर बहुत अत्याचार हो रहे हैं, जैसे की उनसे उनकी क्षमता से अधिक कार्य करवाना और उन्हें आवश्यता से कम भोजन देना| और यह भी नहीं सोचते हैं, की जिस देश में महिलाओ को लक्ष्मी मानते हैं, वही पर महिलाओ पर आत्याचार भी करते हैं|

भारत में सन २००१ में राष्ट्रिय जनगणना में यह पाया गया था की, महिलाओं पर अत्याचार की समस्या अल्ट्रासाउंड के कारण ही हो रहा है |

सन २००१ में लडको की तुलना में लड़कियां ९३२/१००० था| और सन २०११ में यह अनुपात ९१२ /१०००तक कमी पाई गयी थी | और इससे यह समझ आता हैं| यही एक मात्रा समस्या आज तक चली आ रही है, तथा इसी प्रकार से भ्रूण हत्या जारी रहेगी तो भविष्य में २०२१ तक यह समस्या ८००/1000 से भी कम हो जाएगी |

बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान 

Beti Bachao Beti Padhao In Hindi 1 भारत में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ यह अभियान, भारत देश के माननीय प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में २२ जनवरी २०१५ में प्रारंभ किया गया था |

इस अभियान के तहत भारत देश में बेटियां कि महत्व को बताते हुए, यह बताया गया की,  कोई भी बिना सोचे समझे बेटियों पर अत्याचार तथा दुर्व्यवहार न करें| आज हमारा देश जिस किसी भी मुकाम पर पहुंचा है, वो केवल भारतीय महिलाओं के कारण हैं |

बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ यह अभियान विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा भारत में प्रदर्शित किया गया हैं| जैसे की दूरदर्शन, इन्टरनेट, जगह-जगह पर पोस्टर तथा जनहित में जारी करके आदि|

बेटी बचाओ और बेटी पढाओ योजना के उद्देश्य 

Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi बेटी बचाओ और बेटी पढाओ इस योजना के तहत आज हमारे समाज में बेटियों को बेटों की अपेक्षा एक सम्मान का दर्जा दिया जाने लगा हैं |

इस योजना के तहत लिंग के आधार पर स्त्रियों की भ्रूण हत्या पर भी भारी मात्रा में कमी देखने को मिला हैं|

आज समाज में इस अभियान के माध्यम से महिलाओं तथा कन्याओं की शिक्षा पर भी काफी हद तक जोर दिया गया हैं |

निष्कर्ष :

हमारे भारत देश में स्त्रियों तथा कन्याओं को लक्ष्मी का रूप माना गया है, किंतु हमारे समाज में कुछ पुरानी सोच को बढ़ावा देने के लिये कन्यों को बड़ी ही नीची दर्जे से देखा जाता हैं |

हमें भारत में ऐसी सोच को समाप्त कर, एक नए भारत देश के उज्वल भविष्य की प्रारंभ करना चाहिये|

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