प्रस्तावना :
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई सरकारी योजना है | यह योजना भारत जैसे पुरातन संस्कृति और अच्छे विचारों वाले देश की बेटियों को बचानें के लिए यह योजना चलाया गया है | इसका मुख्य कारण है लोगों की मानसिकता बहुत छोटी हो गई है | बेटियों के प्रति उनका रवैया बहुत ही खराब हो गया है |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ :
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम देश में बालिका अनुपात में कमी के साथ-साथ देश में बालिका सशक्तिकरण के मुद्दे को दूर करने के उद्देश्य से शुरु की गई एक राष्ट्रव्यापी योजना है | इस योजना को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा हरियाणा के पानीपत में २२ जनवरी २०१५ को सफलतापूर्वक लागू किया गया था |
यह योजना भारतीय समाज में बच्चियों के महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ लोगों की मानसिकता में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए है | भारतीय समाज में बच्चियों को लेकर बहुत रुढ़ मानसिकता है |
वर्तमान समय में लोगों की सोंच इतनी निचे गिर गई है कईलोग बेटियों को जन्म लेनेने से पहले कोंख में ही मर देते हैं | यदि गलती से बेटी जन्म भी ले लेती है तो उनको किसी सुनसान जगह या फिर कचरे में फेंक देते हैं |
कन्या भ्रूण हत्या
हमारी भारत सरकार ने इसके विरुद्ध भी कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अनेक योजना चला रखी है | लेकिन उनका पालन अच्छी तरह से नहीं होने के कारण मनवंछित लाभ नहीं मिल रहा है |
२०११ की जनगणना के अनुसार भारत का लिंगानुपात ९१८ महिलाऐं प्रति हजार पुरुष हैं | जी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के इस अभियान की आवश्यकता बयान करता है | २०१२ में यूनिसेफ द्वारा दुनिया भर में १९५ देशों में भारत को ४१वाँ स्थान दिया गया था | इसलिए पुरे भारत में बेटियों की सुरक्षा के लिए यह योजना बहुत ही आवश्यक थी | यह योजना लोगों में कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने का आह्वान भी करती है |
हमारे भारतीय समाज में बालिकाओ के लिए कई प्रतिबंध है, जो बालिका के उचित विकास में बाधा डालते हैं | यह योजना कन्या भ्रूण हत्या, बालिका असुरक्षित, यौन भेदभाव आदि के खिलाफ बालिका प्रथा को बाधित करती है | आधुनिक समय में १८वीं शताब्दी के लोगों में लड़कियों के लिए एक आम धारणा है की वे अपने माता-पिता के अलावा किसी और की संपत्ति है |
२१वीं शताब्दी में भारत आज एक एक और चाँद पर जाने के कदम बढ़ा है | वहीं दूसरी तरफ भारत की बेटियां अपने घर से बाहर निकलने पर भी डर रही हैं | इससे यह पता चलता है की आज भी भारत देश पुरुष प्रधान समाज वाला देश है |
हमारे देश में लोगों की मानसिकता इतनी भ्रष्ट हो चुकी है की वह महिलाओं और बेटियों का सम्मान नहीं करते हैं | स्वामी विवेकानंद जी के कथन के अनुसार जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है वह देश कभी भी प्रगति नहीं कर सकता है |
निष्कर्ष:
देश का माहौल इतना ख़राब है की आय दिन किसी न किसी बहन और बेटी की घटनाएँ सुनने के लिए मिलती हैं | यह घटना हमारे देश के लोगों की सोंच को दर्शाती है | की उनकी सोंच कितनी निचे गिर चुकी है |