प्रस्तावना :
जैसा की हम सब जानते है की, हवा(वायु ) पुरे सृष्टि का आधार है | हमारे पर्यावरण में वायुमंडल होता है जिससे की पृथ्वी पर जीवन का वाश हो सके, तो जब वायु ही दूषित हो जये तो ? यह बहुत ही संकट का समय उत्पन हो जायेगा| अर्थात मानव/पशु तथा पक्षियों को जीवन निर्वाह करने के लिए वायु अत्यंत ही आवश्यक है | आज हमारे समाज में वायु प्रदुषण बहुत ही जटिल रूप लेता दिख रहा है|
आज से कई वर्षों पहले से और आज के समय में यह पाया गया की, कारखानों तथा औद्योगिक क्षेत्रो में वृद्धि तेजी से हो रही है आज हर कोई चाहता है की मेरा भी कारोबार हो किंतु इससे हमारा वायुमंडल बहुत ही प्रभावित हुआ है|
वायु प्रदुषण के कारण
वायु परदुषण और कोइ नही बल्कि केवल और केवल मानव जाती ही कहते है की ये क्या हो राह है |अतः वायु पदुषण होने का कारण येही है की,
जब वायुमंडल में रासायनिक गैसे /वाष्प ,कारखानों द्वारा निकलने वाला धुँआ ,धुल इसके विपरीत वैज्ञानिको द्वारा किये जाने वाले प्रयोगों से उत्सर्जित होने वाले विषैले तथा रासायनिक कूड़े करकट अर्थात जब पशु पर्नियो के मृत शारीर को कही भी फ्यैक देते है, इत्यादि. सामग्री जब वायु में मिश्रित होते है तब वायु पूर्ण रूपं से प्रदूषित हो जाता है|
वायु प्रदुषण के करण होने वाले कुछ दुष्परिणाम
वायु प्रदुषण का सीधा सम्बन्ध पृथ्वी पर निवास करने वाले सभी जीव-जंतु पर होता है| लोगो द्वारा दूषित वायु के स्वास को ग्रहण करने पर उनके फेफड़े में भिन्न प्रकार के रोग उतपन्न होते है | इस प्रकार दूषित वायु के कारण कई लोग मृत्यु के मुह में चले जा रहे है |
इसके विपरीत गावों के लोग शहरों की अपेक्षा काफी अच्छे है ,किंतु अब् गावों में भी वायु परदुषण देखने को मिल रहा है कभी कभी हम देखते है की वर्षा नियमित रूप से नहीं होती कारण भी इसका वायु प्रदुषण ही है |सल्फ्हर डाइ आक्साइड के हवा में होने के कारण इससे दमा रोग होता है |
सूर्य द्वारा प्रकाशित होने वाली हानिकारक किरनो से ओजोन मंडल सम्पूर्ण पृथ्वी वासियों की सुरक्षा करता है | अतः वायु प्रदुषण का सबसे अधिक प्रभाव सीधे पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवन तथा पर्यावरण पर होता है |
वायु प्रदुषण का समाधान
वायु प्रदुषण के कारण हो रही समस्याओंसे हमें जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिये| इसकेलिए हमें अपने आस पास जहा हम रहते है वहा भिन्न भिन्न प्रकार के पेड़ तथा पौधे लगाने चाहिये |
और फैक्ट्रियो तथा कारखानों में से निकलने वाले दूषित धुए तथा उनसे उत्सर्जित वाले विषैले जल पर भी रोक लगाना होगा | और हमें इसके प्रति जागरूक रहना होगा की हमारे आस पास कोई भी वायु प्रदुषण को बढ़ावा मिले ऐसी कोई क्रिया न हो |
निष्कर्ष :
पर्यावरणइय समस्यायों में से एक समस्या वायु प्रदुषण भी है |जिसपर न की हमें ढोस कदम उठाना है बल्कि हमें लोगो में जागरूकता भी फैलानी चाहिये और तब समस्या में कमी आएगी | जैसे की किये जाने वाले रोकथाम पर हमें अमल करना चाहिये |