Swatantrata Diwas In Hindi Essay

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर निबंध – पढ़े यहाँ Abhivyakti Ki Swatantrata Essay In Hindi

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By hindiscreen

प्रस्तावना :

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतांत्रिक देशों में सभी नागरिकों को दी जाती है | इसका मुख्य उद्देश्य है देश के सभी नागरिकों को बोलने का अधिकार हो | अभिव्यक्ति की आजादी भारत के सभी नागरिकों को दी गई है | हमारे भारत संविधान के मौलिक अधिकारों में लिखा गया है की हम सभी भारतीय नागरिकों को सोंचने, संहजनें और बात करने का अधिकार है |

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

देश को स्वतंत्रताअभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार नागरिकों के साथ-साथ हमारे देश के पत्रकारों एवं टीवीरिपोर्टर को भी दिया गया है | यह हमारे देश के सभी नागरिकों को यह हक़ देता है, की यदि कोई नेता हमारे देश में गलत काम करता है | तो उसके खिलाफ देश का कोई भी नागरिक आवाज उठा सकता है |

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी सुचना या विचार को बोलकर, लिखकर या किसी अन्य रुप में बिना रोकटोक के अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता को ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा जाता है |

मानव को स्वतंत्रता

स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान यह अधिकार मानव को स्वतंत्रता प्रदान करता है | इस अधिकार के माध्यम से हम देश की राजनीति पर नजर रख सकते हैं | अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमें यह अधिकार देता है की हम आपस में विचार करके एक अच्छा नेता का चुनाव करें |

अगर कोई हमारे देश का नेता गलत भाषण देता है तो देश के सभी नागरिक एवं पत्रकार टीवी रिपोर्टर उसका विरोध जता सकते हैं | या फिर उस नेता को गलती की एहसास और माफी मांगनें के लिए भी मजबूर कर सकते हैं |

भारत के संविधान 

भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हमेशा कुछ न कुछ सीमा जरूर होती है | भारत के संविधान के अनुच्छेद १९(१) के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है | यह अपने भावों और विचारों को व्यक्त करने की एक राजनितिक अधिकार है |

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत कोई भी व्यक्ति केवल अपने विचारों का ही प्रचार और प्रसार नहीं कर सकता बल्कि किसी भी तरह की सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करने का अधिकार रखता है |

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा बहुत पहले उत्पन्न हुई थी | इंग्लॅण्ड के बिल ऑफ़ राइट्स १६८९ ने बोलने की स्वतंत्रता को एक संवैधानिक अधिकार के रूप में अपनाया गया,  और यह अभी भी प्रभावी है |

१७८९ में फ्रांसीसी क्रांति ने मनुष्य के अधिकारों और नागरिकों की घोषणा को अपनाया | इसने आगे चलकर फ्रीडम ऑफ स्पीच को एक निर्विवाद अधिकार के रुप में पुष्टि की |

संविधान की निर्मितीअनुच्छेद ११ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की घोषणा | “विचारों और भावों का मुक्त संचार मनुष्य के अधिकारों में सबसे कीमती है |

यह अधिकार इसलिए दिया गया है की सभी व्यक्ति समाज के हित बोल सकें और उन्हें बोलने की स्वतंत्रता हो वह एक अच्छे समाज और देश का अच्छा विकास कर सके |

निष्कर्ष:

इस अधिकार का उपयोग अच्छे काम के लिए ही करना चाहिए और हमें यह कोशिश करना चाहिए की हम कभी इस अधिकार का गलत फायदा भी ना उठाएं जिससे कोई दंगा फसाद ना हो |

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