प्रस्तावना :
वनमहोत्सव भारत देश में भारत के केंद्रीय मंत्री डॉ.के एम कुलपति मुंशी के नेतृत्व में १९५० में आरंभ किया गया| हम भारत वासी अपने सम्पूर्ण जीवन में भिन्न-भिन्न प्रकार के पर्व मानते है| जैसे पारंपरिक, समाजिक, धार्मिक इत्यादि|
प्रत्येक पर्व हमें कुछ न कुछ सुख देता है किंतु वनमहोत्सव हमें हमारे जीवन के लिए भविष्य के लिए सुख प्रदान करता है| यह महोत्सव हमें प्रक्रति से जोड़ने का कार्य करता है| वन ही एक मात्र ऐसा स्थान है, जहा पर पशु तथा पक्षी भी स्वतंत्र रूप से निवास करते हैं|
वनमहोत्सव का महत्व
जिस प्रकार से हम अपने घरो में अन्य सभी पर्व मनाते है और उससे हमें कुछ सिखने को सिख मिलता है | तथा उसमे होने वाली कमी का हमें जानकारी मिलती है उसी प्रकार से वनमहोत्सव से हमें यह ज्ञात होता है की, वनों में निवास करने वाले पशु-पक्षी को कोई कष्ट तो नहीं| यदि है तो उसका निवारण करना होता हैं|
वनमहोत्सव मानाने की विधि
वनमहोत्सव मानाने का सबसे सहज और सरल तरीका यह है की, लोग को अपने विद्यालय, दफ्तरों, कालेजो तथा समाज के अन्य सभी स्थानों पर जहा पेड़-पौधे नहीं है वहाँ इससे सम्बंधित जागरूकता फैलानी चाहिए| की पेड़-पौधे तथा वन से हमें अधिक लाभ प्राप्त होता है| इस दिन लोग अपने आस-पास पौधे लगाते है जिससे वनों की पैदावार में कमी न आये| इस प्रकार से भारत देश में वनमहोत्सव मनाया जाता हैं
वनमहोत्सव मानाने का कारण
वन महोत्सव मानाने के महत्वपूर्ण कारण यह हैं, की मनुष्य अपने लिए निवास स्थान निर्मित करने हेतु वनों की अँधा-धुन कटाई कर पशु-पक्षियों को बेघर कर रहा है|
और इससे उत्पन्न होनेवाली प्रकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, समय से वर्षा न होना, सुखा तथा अकाल की स्थिति का सामना करना इत्यादि की रोकथाम हेतू हमें वनमहोत्सव मानना चाहिए|
अर्थात भारत में पर्यावरण के संतुलन हेतु जिस अभियान को आरंभ में लाया गया उसे हमने वनमहोत्सव का नाम दिया | इस अभियान को सम्पूर्ण भारतवर्ष में सर्वप्रथम वृक्षारोपण के नाम से प्रचलित किया गया है| जिसके माध्यम से हमें पर्यावरण को संतुलित रखने में सहायता प्राप्त होता है यह अभियान सर्वप्रथम डॉ.राजेंद्र प्रसाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्वा में सन १९४७ में लागु किया गया|
वनों द्वारा प्राप्त होनेवाले लाभ
वन अर्थात पेड़ पौधे इन सब जीवों से हमें जीवन को सुखद तथा निरंतर आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होता हैं| वनों से हमें जड़ी-बूटी अर्थात प्रत्येक प्रकार के औषधीय प्राप्त होते हैं, जो की एक मनुष्य जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं|
निष्कर्ष:
अतः इन सब कथनों से यह निष्कर्ष निकलता हैं कीं, हम सभी को कम से कम दो या दो से अधिक पौधे लगाना चाहिए| ये हमें भविष्य में काफी हद तक मददगार साबित होगी |
हमें यह नहीं भूलना चाहिए की, वनों द्वारा हमें आक्सीजन प्राप्त होता है जिससे हम बेहतर स्वास लेते है|
और वाहनों द्वारा निकाषित होने वाले कार्बन युक्त गैसे वनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और यदि वन ही नहीं रहे धरती पर तब यह संभव हैं की मानव जाती का विनाश निश्चित है |