प्रस्तावना:
संपूर्ण विश्व में जब टेलीविजन का आविष्कार हुआ था, तब यह मानो की मनोरंजन का केंद्र बना हुआ था, जिसे हम हिंदी में दूरदर्शन के नाम से जानते हैं|
दूरदर्शन के कारण हमें दूर-दूर की ऐसी जानकारियां तथा खबर बड़ी ही आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं
आज के समय में यह दूरदर्शन समाचार हेतु निर्माण किया गया था, वह आज बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है|
टेलीविजन का आविष्कार
विश्व में सर्वप्रथम आविष्कार सन 1927 में हुआ था, जो कि 21 वर्ष के व्यक्ति जिसका नाम फिलो फार्न्सवर्थ , चार्ल्स फ्रांसिस जेंकिन्स, जॉन लोगी बिरद द्वारा किया गया था|
इसके बाद टेलीविजन में विभिन्न प्रकार के सुधार किए गए इसी गुणवत्ता से टेलीविजन में और भी सुधार आ सके सन 1800 में कैमरे द्वारा खींचे गए तस्वीरों को एक यंत्र द्वारा भेजे जाने का कार्य शुरू हो गया|
दरअसल प्रथम टेलीविजन का आविष्कार सन 1927 में हुआ उसके बाद जो संशोधन किया गया, संशोधन तो वह संशोधन एक बार नहीं हुआ बल्कि सैकड़ों बार हुआ जो कि इस प्रकार से हैं|
प्रथम टेलीविजन का जब अविष्कार किया गया था, तब यह बिना रंगो वाला चित्रपट दर्शाता था| कुछ ही समय बाद रेडियो मोड, में तथा आकाशवाणी, के रूप में टेलीविजन प्रस्तुत किया गया, इसी प्रकार से संशोधन करते – करते आज हमारे पास एक बेहतर रंगीन तथा(LED) प्रकार का दूरदर्शन समक्ष में है|
दूरदर्शन से होने वाले लाभ
आज के वर्तमान समय में टीवी एक लोकप्रिय मनोरंजन का केंद्र बन चुका है, जिससे लोगों में जागरूकता फैलाने का विशेष रूप से माध्यम बन गया है| जब इसका आविष्कार हुआ था, तब के समय में यह कोई नहीं जानता था|
कि इसका भविष्य में मानव जीवन में क्या लाभ हो सकता है, आज दूरदर्शन के माध्यम से लोग दूर बैठे-बैठे अपने संपूर्ण कार्य कर सकते हैं
तथा उन्हें वहीं बैठे – बैठे देश के कोने – कोने के स्थानों पर हुए घटनाओं की जानकारी मात्र एक रिमोट के बटन दबाते ही प्राप्त होने लगेंगे | विश्व में जो टेलीविजन का आविष्कार हुआ था, उसमे केवल एक दूरदर्शन नामक एक चैनल ही था|
जिसके माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने हेतु निशुल्क प्रसारण किया जाता था| आज लोग दूरदर्शन के माध्यम से अपने जीवन को और कुशल और आसान बना रहे हैं|
दूरदर्शन से होने वाली हानियाँ
आज के समय में दूरदर्शन एक मित्र के समान हो चुका है, जिसे लोग केवल और केवल अपने मनोरंजन के माध्यम के रूप में उसका उपयोग कर रहें हैं|
आजकल के बच्चे भिन्न प्रकार के चित्रपट लगातार देखने हेतु कुछ भी कर जाते हैं, जिसका फल अंत में उनके माता-पिता को भुगतना पड़ता है|
दूरदर्शन के माध्यम से न जाने कितने बच्चों की आंखों पर असर पड़ता है, जोकि कम समय में ही उन्हें मोटे-मोटे कांच वाला चश्मा लग जाता है, तथा दृष्टिदोष, होने की शंका भी हो जाती है|
निष्कर्ष:
माना कि आविष्कार जब – जब हुआ हैं | तब – तब मानव जीवन के लिए ही हुआ, किंतु मानव जीवन के कठिनाइयां को ध्यान में रखकर जो भी आविष्कार हुई हैं |
वहा तक ही लाभदायक थी, जब तक उनका उपयोग हित के कार्य के लिया होता था| किंतु आज के दैनिक जीवन में लोग उसका उपयोग अपने मनोरंजन के माध्यम के लिए करते हैं|
जो कि आज के पीढ़ी के लिए यह घातक सिद्ध हुआ है, अतः इससे यह सिद्ध हुआ की अति सदैव से हानिकारक होता है|