प्रस्तावना:
भारत देश में विभिन्न प्रकार के पर्व मनाए जाते हैं, ठीक उसी प्रकार से गणतंत्र दिवस भारत में 26 जनवरी को प्रतिवर्ष मनाया जाता है|
26 जनवरी के दिन देश का संविधान परिपूर्ण रूप से पारित हुआ था, सफलतापूर्वक संविधान के तहत देश में नए विचार तथा नए कानून लागू हुए थे| जिससे देश में शांति का माहोल स्थापित करने में सहायता मिली थी|
गणतंत्र दिवस का इतिहास
जब भारत देश को आजादी मिली आजादी मिलने के तत्पश्चात ही एक ड्राफ्टिंग कमेटी नामक संस्था ने 28 अगस्त 1947 को एक मीटिंग रखा, इस मीटिंग के तहत भारत का स्थाई संविधान पारित करने हेतु पहल हुई थी |
और उसी समय डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने यह सुना तो मानो की खुशियां बिखर गई तब जाकर 4 नवंबर 1947 को डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर ने अपने अध्यक्षता में भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करते हुए ब्रिटिश सरकार के समक्ष रख दिया|
माना जाता है, कि गणतंत्र दिवस पर जो संविधान डॉ भीमराव बाबासाहेब आंबेडकर ने पारित किया था, उस संविधान को बनाने हेतु 3 साल का समय लग गया था, और आखिरकार इंतजार की घड़ी खत्म हुई और 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू हुआ और साथ में स्वराज्य की प्रतिज्ञा का सम्मान भी रखा गया जो की भारत देश के हित में था|
गणतंत्र दिवस मनाने की विधि
भारत देश का राष्ट्रीय पर्व होने के कारण, गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर हमारे देश की राजधानी दिल्ली में झंडारोहण का मुख्य समारोह का आयोजन किया जाता है|
यहाँ पर बच्चों के हृदय में एक नया उमंग उल्लहास लेकर आता है, जिसे आज की युवा पीढ़ी बड़े ही मनोरंजक तरीके से मनाता है|
राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर भारत की सभी स्कूलों तथा सरकारी दफ्तरों में अपने देश के तिरंगे को सम्मान देते हुए झंडारोहण का कार्यक्रम करते हैं |
और बच्चे कला, नाट्य, नृत्य तथा भिन्न-भिन्न प्रतियोगिताओ द्वारा मनाते हैं, इन बच्चों को ध्वजारोहण के पश्चात लड्डू, स्नैक्स आदि का नाश्ता कराते हैं | और झंडे को सलामी देते हुए राष्ट्रगान गाते हैं, अंत में भारत माता की जय के नारे लगाते हैं|
गणतंत्र दिवस के दिन बच्चे और बूढ़े सभी मिलकर देश के सम्मान में अपना परिपूर्ण रूप से योगदान देते हैं |
निष्कर्ष:
गणतंत्र दिवस मनाने का केवल एक ही कारण है, की गणतंत्र दिवस के दिन यानी 26 जनवरी को हमारा भारतीय संविधान लागू हुआ था| लागू होने के कुछ समय ही बाद देश में जो भी क्रूर व्यवहार चल रहे थे, उन्हें समाप्त करने में सहायता मिली, देश के क्रांतिकारी नहीं होते तो आज हम यह गणतंत्र दिवस भी नहीं मना पाते|
किंतु आज के वर्तमान समय हम छोटी-छोटी बातो पर लड़ते-झगड़ते रहते है, सोचिये की जब हम बड़े आपस में ही लड़ते-झगड़ते रहेंगे तो आगे आने वाली पीढ़ियों को क्या संस्कार देंगे हम आज लड़ेंगे तो कल हमारे और आपके बच्चे भी लड़ेंगे जो की उचित नहीं |
अतः महात्मा गाँधी जी ने कहा था, की यदि हम आँख के बदले आँख फोड़ेंगे तो फिर सच में एक दिन पूरी दुनिया अंधी हो जाएगी |