प्रस्तावना:
हमारा भारत देश मौसम का देश है| यहां पर मौसम अपनी प्राकृतिक द्वारा एक निश्चित समय से आती और जाती है जैसे कि वर्षा ऋतु ,ग्रीष्म ऋतु ,शीत ऋतु तथा वशंत ऋतु स्थित है जिसमें से हम आज वर्षा ऋतु का वर्णन करेंगे
वर्षा ऋतु से पूर्व की दशा
शरद ऋतु के पश्चात ग्रीष्म ऋतु अपने प्रभाव से संपूर्ण धरती को अग्नि के समान प्रभावित करती रहती हैं जिसके कारण ग्रीष्म ऋतु के प्रभाव से मानव की बड़ी ही दुर्दशा हो जाती है यहां तक की पेड़ पौधे तथा वन के सभी पशु पक्षी गर्मी की चपेट मैं आकर व्याकुल हुए रहते हैं
मानव जीवन संपूर्ण रूप से अस्त व्यस्त हो जाता है जिसके कारण वह इस झुलसते हुए भयंकर ग्रीष्म ऋतु की तपन को शांत करने हेतु भिन्न-भिन्न क्रियाएं करते हैं |
और हमेशा आकाश की ओर दृष्टि लगाए बैठे रहते हैं वर्षा होगी किंतु कभी कभी वर्षा वैसे हो जाती तो कभी-कभी विलंब से होती है इसी कारण गरीब किसान सिंचाई के लिए पर्याप्त जल ना होने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं|
वर्षा का वर्णन संक्षिप्त में
ग्रीष्म ऋतु के अंतिम समय में जब किसान तथा संपूर्ण सृष्टि आकाश की ओर दृष्टि कर देखती है तब उसे काले बादल घूमर ते हुए नजर आते हैं वह नजारा मानो स्वर्ग जैसा होता है जय किसान के लिए स्वर्ग यही है जब वर्षा की पहली बूंद धरती गिरती है |
तब एक अजीब सी सौंधी खुशबू बिखरने लगती है, यह खुशबू सभी को बहुत पसंद आता है -वर्षा के कारण एक बार फिर से सृष्टि जीवित हो उठती है| चारों तरफ जहां तक दृष्टि जाती हरियाली ही हरियाली छाई रहती है जिससे एक सुंदर वातावरण का निर्माण होता है अर्थात सुंदर दृश्य का निर्माण होता है और देखा जाए तो वर्षा ऋतु में पर्यावरण भी संतुलित रहता है
सदियों से यह पाया गया है की वर्षा का दृश्य एक मनोरम तथा अलौकिक दृश्य रहा है जिसे देख कर हर कोई प्रसन्न तथा लाभान्वित हो उठता है
वर्षा ऋतु के कुछ दुष्परिणाम
हमें प्रतिवर्ष यह देखने को मिलता है, की कहीं – कहीं अधिल वर्षा के कारण जल-भराव की समस्या बढ़ जाती हे | जल भराव के कारण बहुत सी बिमारिय होती है | भूकंप तथा सुनामी आने की समस्या सामने आती हैं और इन समस्याओं मानवी जीवन को सामना करना पड़ता है क्योंकि यह बहुत ही कठिन होता है|
इसमें कई लोगों की मृत्यु भी हो जाती है तथा कई लोग बड़ी बुरी तरह से घायल हो जाते हैं आज के आधुनिक समय में जब भी कभी कोई भी प्राक्रतिक आपदा आती है उससे हमें कभी भी कोई लाभ नहीं बल्कि हानि ही हुआ है खास तौर पर वर्षा के कारण आनेवाली आपदा |
निष्कर्ष:
हम मानते हैं की प्रत्येक ऋतु हमारे जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है भूमिका निभाते हैं किंतु हमारे शास्त्रो में भी यह कहा है,की अति सदैव से ही घातक सिद्ध हुआ है| जिसके कारण हमें किसी भी प्रकार के लोभ में अधिक पढ़ना नहीं चाहिए|
वर्षा ऋतु सदैव से एक ऋतु रहा है जो अपनी सुंदर छटा और अपने जल की एक एक बूंद के साथ लोगों को प्रभावित करता है|