प्रस्तावना:
प्राकृतिक आपदा यह अन्य कारणों के कारण उत्पन्न होने वाली एक समस्या हैं | प्राकृतिक आपदा यह एक प्रकृति के द्वारा निर्माण होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया हैं | इसे कोई भी रोक नही सकता हैं |
प्राकृतिक आपदा यह अचानक और भयानक तरीके से निर्माण होती हैं | प्राकृतिक आपदा यह विविध कारणों से उत्पन्न होती हैं |
प्राकृतिक आपदा निर्माण होने वाले घटक
प्राकृतिक आपदा जंगलों में आग, भूकंप, ज्वालामुखी, बाढ़, सुनामी बादल फटने, चक्रवाती तूफान इत्यादि. कारणों की वजह से निर्माण हो जाती हैं |
मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग करने लगा हैं | इसलिए पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा हैं | इसके कारण ऐसी प्राकृतिक आपदा उत्पन्न होने लगी हैं |
प्राकृतिक आपदा के प्रकार
प्राकृतिक आपदा के अन्य प्रकार हैं | लेकिन यह ज्यादा तो भूकंप, बाढ़ और सुनामी इत्यादि. चीजों के कारण मनुष्य को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं |
भूकंप
धरती के अंदर आंतरिक असंतुलन के कारण भूकंप निर्माण होता हैं | भूकंप के झटके दूर दूर बह्गों में भी प्रभावित होते हैं |
भूकंप आने के कारण पूरी धरती हिलने लगती हैं | भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा होती हैं | इसके कारण इमारते, मकान और ब्रीज इत्यादि. गिरने लगते हैं |
बाढ़
नदी, नाले और समुद्र में जब ज्यादा बारिश होने के कारण पानी का स्तर बढ़ने लगता हैं तब बाढ़ जैसे समस्या निर्माण हो जाती हैं | और बाढ़ आने का खतरा बढ़ जाता हैं |
बाढ़ आने की वजह से बहुत सारा नुकसान हो जाता हैं | पूरी सजीव सृष्टी नष्ट हो जाती हैं | इसके कारण लोगों का जीना मुश्किल हो जाता हैं |
सुनामी
जब सुनामी आती हैं, तो समुंदर के अन्दर हलचल मचती हैं और प्लेट्स हिलने कारण समुंदर में भयानक तरंगे निर्माण होती हैं | इन लहरों की ऊंचाई बहुत अधिक रहती हैं |
इन ऊँची उठाने वाले लहरों को ‘सुनामी’ कहाँ जाता हैं | यह जब निर्माण होती हैं, तो अपने साथ में लाखों लोगों की जिंदगी लेकर जाती हैं |
आर्थिक हानि
जब अन्य प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं निर्माण होती हैं, तो पर्यावरण के साथ – साथ, आर्थिक और मनुष्य हानी भी हो जाती हैं |
यह प्राकृतिक आपदा अचानक से आती हैं और कुछ पलों में भी सब कुछ तबाह कर देती हैं | मनुष्य इससे बचने के लिए ना कोई उपाय होता हैं ना कोई यंत्र होता हैं |
प्राकृतिक प्रक्रिया
अन्य प्रकार की प्राकृतिक आपदा यह प्राकृतिक प्रक्रिया हैं इसे कोई भी रोक नही सकता हैं | यह आपदाए किसी को भी बताके नही आती हैं | ग्लोबल वार्मिंग जैसे समस्या को हमें सबसे पहले कम करना चाहिए |
निष्कर्ष:
मनुष्य अपने सुख सुविधाओं के लिए और विकास के लिए प्रकृति को नुकसान पहुँचा रहा हैं | प्रकृति का विनाश करने के बदले में मनुष्य को प्राकृतिक आपदा जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं |
इन सभी प्राकृतिक आपदाओं को रोकना बहुत ही मुश्किल हैं | इसलिए हम सभी को इन प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए जागरूक होना जरुरी हैं |