प्रस्तावना:
पुस्तकालय का जीवन सबसे ज्यादा महत्व होता हैं | मनुष्य को अपना जीवन स्वस्थ रखने के लिए जैसे भोजन की जरुरत होती हैं, वैसे ही अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए अध्ययन की जरुरत होती हैं |
अध्ययन करने से मनुष्य को ज्ञान प्राप्त हो जाता हैं | अध्ययन करने के लिए पुस्तकों की आवश्यकता होती हैं | आज हर एक देश में ज्ञान प्राप्त करने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया गया हैं |
पुस्तकालय का अर्थ –
पुस्तकालय यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हैं – पुस्तक + आलय | पुस्तकालय का अर्थ होता हैं जहाँ पर ज्यादा से ज्यादा पुस्तके रखी जाती हैं, उसे ‘पुस्तकालय’ कहा जाता हैं | पुस्तकों को ज्ञान का मंदिर कहा जाता हैं
पुस्तकालय के प्रकार
पुस्तकालय के कई सारे प्रकार होते हैं | जैसे की व्यक्तिगत पुस्तकालय, सार्वजानिक पुस्तकालय और विद्यालय का पुस्तकालय, सरकारी पुस्तकालय ऐसे इसके विभिन्न प्रकार होते हैं |
व्यक्तिगत पुस्तकालय यह किसी व्यक्ति के विशेष से सम्बंधित होते हैं | हर एक पुस्तकालय किसी ना किसी से सम्बंधित रहता हैं |
पुस्तकों का महत्व
पुस्तकालय यह एक ऐसी जगह हैं, जहाँ पर कोई भी मनुष्य बिना कह्रिदे पुस्तकों को पढ़ सकता हैं | आज के युग में पुस्तकालय यह जीवन का अभिन्न अंग हैं | कोई भी व्यक्ति पुस्तकों को पढ़कर ज्ञान प्राप्त कर सकता हैं और हमारे जीवन का विकास भी हो सकता हैं |
पुस्तके हमें सोचने – समझने की शक्ति प्रदान करते हैं | पुस्तके यह व्यक्ति के अच्छे दोस्त होते हैं | पुस्तके व्यक्ति को सही मार्ग दर्शन करती हैं |
प्राचीन समय में पुस्तकालय
पहले ज़माने मे प्रिंटिंग मशीन अस्तित्व में नहीं थी | मशीन नहीं होने के कारण उस समय हस्तलिखित किताबे विकसित थी | जिसके कारण उनका मूल्य भी ज्यादा होता था और किताबे भी कम उपलब्ध होती थी |
इसलिए पुस्तकालय की स्थापना की गयी | कोई भी व्यक्ति पुस्तकों को पढने के लिए इच्छुक होता था वो पुस्तकालय में जाकर किताबे पड सकता था |
पुस्तकालय की प्रमुख विशेषता –
पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए शांत वातावरण मिलता हैं और एकाग्रता बनी रहती हैं |
पुस्तकों को पढने से हमारी सोचने समझने की शक्ति बढ़ जाती हैं |
पुस्तके हमें दुसरे देशों के संस्कृति और सामाजिक जीवन को जोड़ने का कार्य करती हैं |
पुस्तकालय में विभिन्न प्रकार की पुस्तके पढने के लिए मिलती हैं |
पुस्तक पढने से मनुष्य की सोच बदलने लगती हैं |
किसी भी पुस्तक को पढने के लिए मूल्य देने की आवश्यकता नहीं होती हैं |
निष्कर्ष:
हर एक व्यक्ति को अपने ज्ञान में वृद्धि करने के लिए पुस्तकों को पढना बहुत जरुरी हैं | मनुष्य के विकास के लिए पुस्तकालयों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हैं | पुस्तकों के बिना मनुष्य का जीवन अधुरा होता हैं |
पुस्तक मनुष्य के साथ – साथ परिवार, समाज और देश के विकास के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं | देश में शिक्षा का प्रसार करने के लिए हर स्थानों पर पुस्तकालय की स्थापना करनी चाहिए |