प्रस्तावना:
होली यह त्यौहार रंगों का त्यौहार माना जाता हैं | यह त्यौहार पुरे विश्व में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं | यह हिन्दू धर्म का प्रमुख त्यौहार हैं | इस दिन सबी लोग रंगों से खेलते हैं |
हमारे देश में विविध जाती और धर्म के लोग रहते हैं | सभी लोग यह त्यौहार मिलजुलकर और ख़ुशी के साथ मनाते हैं | यह मनोरंजन और मौज – मस्ती का त्यौहार हैं |
होली का त्यौहार कब मनाया जाता है
इस त्यौहार को हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं | होली त्यौहार का धार्मिक, सामाजिक और पौराणिक महत्व हैं | इस त्यौहार को मनाने की पौराणिक कथा हैं | इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी | इसलिए यह त्यौहार मनाया जाता हैं |
होली की तैयारी
होली के एक दिन पहले लोग रात में होलिका दहन करते हैं | इस दिन पौराणिक कथा को याद किया जाता हैं | इस दिन कई लोग अपने परिवार के सदस्यों के द्वारा शरीर पर उबटन का मसाज करवाने पर गन्दगी साफ हो जाती हैं और घर में खुशियाँ और नई उर्जा प्राप्त हो जाती हैं |
इसके दुसरे दिन सभी लोग एक – दुसरे को मतलब अपने मित्र, परिवार और सगे – संबंधियों के साथ रंगों से खेलते हैं | इस दिन बहुत सारे पिचकारियों और गुब्बारों के रंग भरकर एक – दुसरे पर फेकते हैं | सभी लोग एक – दुसरे को गुलाल और अबीर लगाकर इस त्यौहार को मनाते हैं | इस त्यौहार के अवसर पण घरों में मिठाई, नमकीन बनवाते हैं |
होली क्यों मनाते हैं
यह त्यौहार मनाने का मुख्य कारन प्रहलाद की भूमिका हैं | बहुत समय के पहले ‘हिरण्यकश्यप’ नाम का एक दुष्ट राजा था | होलिका उसकी बहन और प्रहलाद उसका पुत्र था | हिरण्यकश्यप यह भगवान को मानते थे और उनका पुत्र प्रहलाद यह एक विष्णु भक्त था |
उसके पिता का कहना था की, मेरा पुत्र मेरी पूजा करे और मुझे जी अपना भगवान माने | एक दिन उसके पिता ने और होलिका ने उसको मारने की योजना बनायीं | उन्होंने अपनी बहन को पूजा में प्रहलाद को लेकर अपनी गोद में लेकर आग में बैठने के लिए कहा |
लेकिन होलिका को वरदान मिला था की, वो आग में नहीं जल सकती हैं | परंतु प्रहलाद यह विष्णु भक्त था इसलिए उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचा बल्कि उस आग में होलिका जलकर खाक हो गयी | इसी दिन से यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के जीत के रूप में मनाया जाता हैं |
निष्कर्ष:
होली यह भारत देश का रंगों से भरा महत्वपूर्ण उत्सव हैं | यह त्यौहार विभिन्न राज्यों में अलग – अलग प्रकार से मनाया जाता हैं | होली इस त्यौहार को ‘होली पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता हैं |
इस त्यौहार के अवसर पर सभी लोग अपने आपस में के मत भेद भूलकर एक – दुसरे के गले लगते हैं और नई जीवन की शुरुवात करते हैं | यह एक ख़ुशी और रंगों का त्यौहार हैं |