प्रस्तावना:
हमारे भारत देश को त्योहारों का देश माना जाता हैं | इस देश के सभी लोग अलग-अलग त्योहारों बहुत को बहुत ख़ुशी के साथ मनाते हैं | सभी त्योहारों में से छठ पूजा यह एक हिन्दू धर्म के त्यौहार में से एक मुख्य त्यौहार हैं |
छठ पूजा इस त्यौहार को खास करके बिहार में मनाया जाता हैं | लेकिन धीरे-धीरे यह भारत देश के हर एक हिस्सों में माने जाने लगा हैं |
छठ पूजा का त्यौहार
छठ पूजा यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की छठी को मनाया जाता हैं | यह त्यौहार चार दिनों तक मनाया जाता हैं |
यह त्यौहार सबसे ज्यादा बिहार और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता हैं | इसके साथ-साथ यह त्यौहार भारत और अन्य देशों में (जैसे की पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, आसाम और नेपाल) इत्यादि. देशों में भी मनाया जाता हैं |
छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं –
इस पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता हैं | छठ पूजा मुख्य रूप से पति के दीर्घायुष्य और संतान सुख की कामना के लिए मनाया जाता हैं |
छठ पूजा की तैयारी
इस दिन बहुत सारी महिलाए निर्जला व्रत रखती हैं | इस त्यौहार की तैयारी दिवाली के बाद बड़े उत्साह से की जाती हैं | इसके पहले दिन महिलाएँ चने की डाल, लौकी की सब्जी और रोटी इत्यादि. खाती हैं | इसके दुसरे दिन गूढ़ और खीर खाई जाती हैं उसे खिरना कहते हैं |
छठ पूजा
इसके तीसरे दिन यानि षष्ठी के दिन महिलाएँ निर्जला व्रत रखकर अपनी संभावना के अनुसार ११, २१ और ५१ फलों को डालिया में बाँधकर अपने बेटे या पति को देकर नदी या तालाब की तरफ चल पड़ती हैं | सभी महिलायें जाते-जाते छठी देवी के गीत गाती हैं |
महिलायें नदी पर पहुंचकर पंडित से पूजा करवाकर शाम के समय कच्चे दूध से डूबते हुए सूर्य को अर्पित करती हैं | उसके दुसरे दिन सूर्योदय होने पर सूर्य को कच्चा दूध अर्पण किया जाता हैं | उसके बाद वो अपना व्रत छोडती हैं | इस पूजा के बाद सभी लोग बहुत खुश नजर आते हैं |
धार्मिक महत्व
यह त्यौहार भगवान श्रीराम और सीता ने १४ वर्ष के वनवास लौटने के बाद अयोध्या नगरी में छठ पूजा की गयी |
उन्होंने व्रत रखकर भगवन सूर्य देव की पूजा की थी | इसके कारण यह त्यौहार पारंपरिक रूप से हन्दू धर्म का त्यौहार के रूप में माना गया |
निष्कर्ष:
छठ पूजा का यह त्यौहार पुरे विशवास के साथ मनाया जाता हैं | भगवान सूर्य इनके इच्छाओं को पूरा करते हैं | छठ पूजा का त्यौहार एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैं, जो पति के लम्बी उम्र और संतान सुख प्राप्ति के लिए किया जाता हैं |