प्रस्तावना :
बसंत पंचमी यह पर्व जिसे सम्पूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता हैं| इस औसर पर लोग “ श्री सरस्वती माता जो ज्ञान दायनी हैं, ” का बड़े सम्मान तथा निष्ठा पूर्वक पूजा करते हैं| यह दिन हिन्दू धर्म के हिंदी पंचांग के अनुसार माघ माह के पंचमी मुहूर्त को मनाया जानेवाला त्यौहार हैं| और इसके साथ-साथ प्राक्रतिक रूप से भी बदलाव देखने को प्राप्त होता है| पतझड़ के मौसम समाप्त होकर हरियाली का समय आरंभ होता है|
बसंत पंचमी का इतिहास
प्राचीन काल की कहानियो के अनुसार बसंत पंचमी के दिन राज्य के राजा अपने राज दरबारी के साथ सम्पूर्ण राज्य का भ्रमण करते हुए आश्रम में पहुचकर विधिपूर्वक भगवन कामदेव की पूजां-अर्चना करते थे, और उन्हें अनाज की बालियाँ की भेट चढ़ाते थे|
इसी दिन सृष्टी के रचयिता ब्रह्मा ने प्रयेक जिव जंतु की रचना की थी| बसंत पंचमी पुरे वर्ष भारत में ज्ञान पंचमी के रूप में माया जा रहा था| अतः मान्यता है की इसी दिन माता सरस्वती का जन्म भी हुआ था|
भारत में सम्पूर्ण वर्ष में ६ ऋतू होते हैं, जिसमे से हर वर्ष को कुल ६ ऋतुओं में बाटा गया हैं, जो की इस प्रकार है | (वर्षा ऋतू, हेमंत ऋतू, बसंत ऋतू, ग्रीष्म ऋतू, शरत ऋतू और शिशिर ऋतू) और जो बसंत ऋतू है, उसे कुल ऋतुओं का राजा माना जाता हैं|
जब ब्रम्ह ने अपने कमंडल से जल को हाथ में लिए सम्पूर्ण पृथिवी पर छिड़का तब पृथ्वी पर गिरने वाली प्रत्येक बूंदों साक्षात ४ भुजाओ वाली देवि का जन्म हुआ जिसके एक हाथ में मुद्रा तो दुसरे हाथ में विणा, और अन्य में पुस्तक तथा मालाएं थी| और उसे ब्रम्हा ने सरस्वती का नाम दिया|
बसंत पंचमी मनाने का कारण
हमारे भारत देश में जब भी कभी खुशियाँ आइ हैं| तो उसे हम सभी एक त्यौहार के रूप में मनाया है और मानते आरहे हैं|
उसी प्रकार से भारत में बसंत पंचमी के दिन कुछ फसल की कटाई की जाती है जैसे की (अरहर, सूरजमुखी, गेंदा, सनई, सरसों,गेहू ) इसके बाद संध्या के समय गाव में मेला का आयोजन होता हैं|
और उस समय लोग मेले में सम्मिलित होकर बड़े उत्साह के साथ एक दुसरे को बधाई देते हुए,स्नेह बाटते है|
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी यह पर्व भारत के पुर्वीय क्षेत्र में बड़े ही जोश तथा उत्साह के साथ मनाया जाता हैं| यह त्यौहार मनाने का महत्व यह हैं की इस दिन लोग बड़े पैमाने पर एक्तत्रित होकर माता सरस्वती की पूजा करते हैं और पुस्तके दान करते है|
यह दिन संगीत एवं विद्या को दिया जाता हैं यही कारण है की लोग यहाँ पर पुस्तके और वाद्य यंत्रो की भी पूजा अर्चना करते हैं|
निष्कर्ष :
बसंत पंचमी में माता श्री सरस्वती की पूजन करने हेतु की जाती और यह पर्व फसल तैयार होने की ख़ुशी में मनाया जाता हैं|
इस दिन लोग एक दुसरे को पुस्तके दान करके एक दुसरे को स्नेह और बधाइयां देते है अर्थात बसंत पंचमी माता सरस्वती के पूजा तथा उनके स्मरण में मनाया जाता हैं|