प्रस्तावना:
वर्षा ऋतु यह ऐसा मौसम है जिसका भारत देश में आगमन होते ही भारत निवासी के चेहरे पर खुशहाली नजर आने लगती है| हमने हमेशा से यह पाया है, की प्रत्येक ऋतु की अपनी अलग विशेषताएं होती है ठीक उसी प्रकार ऋतू की भी अपनी एक पहचान और विशेषता है|
वर्षा ऋतु हमारे जीवन के लिए लाभकारी है, अर्थात कितना इसका महत्व है यह ग्रीष्म ऋतु जब आती है तथा ग्रीष्म ऋतु के मध्य में हमें ज्ञात हो जाता है|
वर्षा का वर्णन
भारत में वर्षा ऋतु का आगमन अंग्रेजी महीने के जून में होता है जिसका प्रभाव हमें मई मैं ही देखने को मिलने लगता है आसमान में काले बादल मंडराते रहते हैं|
जिसे देख मन में खुशहाली तथा हर्ष होता है और ईश्वर से संपूर्ण किसान जल्दी वर्षा होने की समय से वर्षा होने की आशा करते हैं माना जाता है वर्षा के देव इंद्र है अर्थात किसी कारण कई स्थानों पर वर्षा के पूर्व इंद्र देव की पूजा अर्चना की जाती
वर्षा ऋतु का दृश्य
हमें कि नाम से ही आनंद मिलने लगता है कारण की वर्षा भीषण ग्रीष्म काल के पश्चात बड़ी देर से आती है और इसका हमें बेसब्री से इंतजार रहता है|
जब वर्षा की बूंदे धरती पर पड़ती है अर्थात पहली वर्षा से धरती रोम रोम और मानव जी उठता है- जिसके कारण झुलसते हुए गर्मी से हमें राहत मिलती है प्राचीन काल में ऐसा माना जाता था का महीना आते हैं बाघ बगिया में महिलाएं और बच्चे झूला झूलने का प्रबंध करते थे वर्षा में झूला झूलने का आनंद का जवाब नहीं|
वर्षा ऋतु से लाभ

सर्वप्रथम यदि वर्षा समय से ना हो तो सारी फसल सूख कर घास-फूस बन जाते है | अंत में हमारे हाथ कुछ नहीं लगता जब कड़ी मेहनत के बाद हाथ में कुछ ना लगे तो बहुत बड़ी निराशा होती है जिसके कारण कई किसान आत्महत्या तक कर लेते हैं|
जैसे कि वर्षा से हमें अनाज प्राप्त होती है पशुओं का पालन पोषण करने में हमें आसानी होती है हमारे आसपास के नदी नाले नहरो मैं सिंचाई हेतु जल का आगमन होता है कुछ लोग तो इस ऋतु में मत्स्य (मछली) व्यापार भी करते हैं, व्यापार के लिए मछलियां उन्हें आसानी से प्राप्त हो जाती हैं|
वर्षा ऋतु से हानि
जिस प्रकार से वर्षा ऋतु के लाभ होते हैं उसी प्रकार से वर्षा ऋतु के हानियां भी अनेक हैं समाचार में बताया जाता है की कितने जगह पर अधिक वर्षा के कारण भूस्खलन जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं जिसके कारण कुछ समय के लिए हमारा दैनिक जीवन रुक सा जाता है|
और यहां तक तो फिर भी ठीक है किंतु अधिक वर्षा होने के कारण को जीवन से भी हाथ धोना पड़ जाता है वर्षा ऋतु से संबंधित हमें (26 जुलाई 2006) जीवन के लिए स्मरण हो गया है इस दिन संपूर्ण मुंबई में बहुत बड़ी और भीषण बाढ़ आई थी |
निष्कर्ष :
हमने सदैव से यह पाया है की हमारे पास बेशुमार धन संपदा हो किंतु वर्षा ना हो तो जीवन अधूरा सा लगता है हमारे पुराणों में भी यही उल्लेख किया गया है| की अति ऐसे ही विनाश कारक पता हानिकारक रहा है हमें प्रत्येक ऋतूओ का स्वागत हृदय से करना चाहिए|